गौरव त्रिवेदी
IIT Kanpur News: देश-विदेश में सफर करने में जहां अभी हमें घंटों लग जाते हैं। आने वाले समय में हमारा यह सफर मिनटों में पूरा हो सकता है। IIT कानपुर एक ऐसी तकनीक विकसित पर काम कर रहा है, जिससे गाड़ियों और विमान की स्पीड कई गुना ज्यादा हो जाएगी। इतना ही नहीं इस तकनीक से बनाए गए इंजन में ईंधन की खपत आधी होगी।
दरअसल, IIT कानपुर ने डेटोनेशन ट्यूब तकनीक को लैब में विकसित किया है। वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार डेटोनेशन को कंट्रोल करने में सफलता हासिल की है। IIT कानपुर के वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ वर्षों में वह इसकी मदद से ऐसा इंजन डेवलप कर लेंगे जो विश्व में सर्वश्रेष्ठ होगा। इस तकनीक के आने से सुपर सोनिक विमान रॉकेट के क्षेत्र में ही नहीं आम गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले इंजन बदल जाएंगे।
IIT कानपुर के प्रोफेसर ने क्या बताया?
IIT कानपुर के प्रोफेसर अजय विक्रम सिंह अपनी टीम के साथ डेटोनेशन तकनीक में निकलने वाली हाई कंबेंशन को कंट्रोल करने के क्षेत्र में रिसर्च कर रहे थे। उनका कहना है कि हमने यह पहली बार डेटोनेशन बेस रिसर्च किया है। इसमें हम फ्यूल को डेटोनेशन मोड में बर्न करते हैं, जिसमें फ्यूल बहुत तेजी से बर्न होता है एनर्जी बहुत तेज से रिलीज होती है।
उनके मुताबिक इस तकनीक को इंजन में इस्तेमाल किया जाए तो वह बहुत ही हाई स्पीड इंजन हो जाएंगे और फ्यूल भी बहुत कम लगेगा। जितने भी ट्रेडिशनल इंजन होते हैं उसमें फ्यूल बर्न होने से स्पीड बहुत कम होती है। डेटोनेशन कंबंशन मोड़ में जो फ्यूल बर्न हो रहा है वह साउंड की स्पीड से अधिक गति से बन हो रहा है। ऐसे में फ्लेम स्पीड बहुत ज्यादा है यह साउंड की स्पीड से भी ज्यादा है।
‘हम अगले 5 साल में…’
उन्होंने कहा कि इससे हम ऐसे इंजन विकसित कर सकते हैं जो न केवल एफिशिएंट है बल्कि बहुत ज्यादा हाई स्पीड है। यह बहुत कम ईंधन का खपत करते हैं और उनकी स्पीड ट्रेडिशनल इंजन से करीब 5 से 6 गुना ज्यादा है। इस टेक्नोलॉजी न उपयोग न केवल रॉकेट मोटर्स,एयरक्राफ्ट में कर सकते हैं बल्कि उनको नॉर्मल कार में भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर में हमने पहली बार न केवल डेटोनेशन ट्यूब को विकसित किया बल्कि इसे कंट्रोल करके भी दिखाया है। अब हम पांच साल में डेटोनेशन बेस इंजन डेवलप कर सकते हैं। जिसकी मदद से सुपरसोनिक विमान की स्पीड बहुत ज्यादा बढ़ाई जा सकती है इनकी स्पीड मार्क 10 से मार्क 15 तक हो सकती है। अभी यह स्पीड मार्क 3 या मार्क 4 होती है।
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