तमन्ना के पिता उसको बेटा मानते थे. बाबू खान मजदूरी कर अपना परिवार चलाते थे. वह अपनी बेटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनाकर देश के लिए गोल्ड लाने का सपना संजोकर रखे हुए थे लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. देखिए खबर
हौसलों की तमन्ना! जिस ट्रैक पर पिता ने तोड़ा दम, वहीं बेटी बहा रही पसीन
