अगले साल की शुरुआत में जनगणना की संभावना, जाति के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं : सूत्र

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काफी विलंब के बाद दशकीय जनगणना कवायद और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को अद्यतन करने का काम 2025 की शुरुआत में प्रारंभ होने की संभावना है और इसके आंकड़े 2026 तक घोषित किए जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इस कवायद के बाद भविष्य का जनगणना चक्र पूरी तरह बदल जाएगा। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि सामान्य जनगणना के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना भी की जाएगी या नहीं।

कोविड-19 के कारण 2021 में जनगणना का काम नहीं हो सका

देश में 1951 से हर 10 साल में जनगणना की जाती रही है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में जनगणना का काम नहीं हो सका। अभी तक इसके अगले कार्यक्रम के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय ने जनगणना के दौरान नागरिकों से पूछे जाने वाले 31 प्रश्न तैयार किए थे। इन प्रश्नों में यह भी शामिल है कि क्या परिवार का मुखिया अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है तथा क्या परिवार के अन्य सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं, जैसा कि पिछली जनगणना में पूछा गया था।

विपक्ष कर रहा है जाति आधारित जनगणना की मांग

विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उन राजनीतिक दलों में शामिल हैं जो जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं ताकि देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की कुल आबादी का पता चल सके।

जनगणना के तहत प्रत्येक परिवार से पूछे जाएंगे 31 सवाल

जनगणना के तहत प्रत्येक परिवार से पूछे जाने वाले 31 प्रश्नों में परिवार के व्यक्तियों की कुल संख्या, परिवार की मुखिया महिला है या नहीं, परिवार के पास कितने कमरे हैं, परिवार में रहने वाले विवाहित जोड़ों की संख्या से जुड़े सवाल भी शामिल हैं।

प्रश्नों में यह भी शामिल है कि क्या परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल या स्मार्टफोन, साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल है और क्या उनके पास कार, जीप या अन्य वाहन है। इसके अलावा परिवार के रोजमर्रा के जीवन से जुड़े अन्य सवाल भी पूछे जाएंगे।

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