
PM Modi on Deepotsav 2024: दिवाली से एक दिन पहले रामनगरी अयोध्या लाखों दीयो से जगमगा उठी। दीपोत्सव 2024 में एक बार फिर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। एक साथ 55 घाटों पर 25 लाख से ज्यादा दिए प्रज्वलित किए गए। नजारे ने हर किसी का मन मोह लिया। पीएम मोदी ने भी दीपोत्सव 2024 को अद्भुत और अलौकिक बताया।
इस बार की दिवाली बेहद ही खास है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है, जिसे भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। दीपोत्सव 2024 के लिए भी ऐसी ही तैयारियां की गई थीं।
भव्य नजारे ने मोह लिया PM मोदी का मन
दीपोत्सव 2024 के दौरान अयोध्या नगरी की खूबसूरती ने PM मोदी का मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि यह भव्य नजारे को भावविभोर कर देने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपोत्सव 2024 की तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर शेयर कीं। उन्होंने फोटोज शेयर करते एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय! भव्य-दिव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्यावासियों को बहुत-बहुत बधाई! लाखों दीयों से आलोकित राम लला की पावन जन्मस्थली पर यह ज्योतिपर्व भावविभोर कर देने वाला है। अयोध्या धाम से निकला यह प्रकाशपुंज देशभर के मेरे परिवारजनों में नया जोश और नई ऊर्जा भरेगा। मेरी कामना है कि भगवान श्री राम समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि और यशस्वी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें। जय श्री राम!”
‘500 साल बाद आया वो पल…’
पीएम मोदी ने आगे यह भी कहा कि ‘प्रकाश का त्योहार’ दिवाली इस बार काफी ‘विशेष’ है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने रोशनी से जगमगाते राम मंदिर की तस्वीरें साझा कीं, जिस पर पीएम मोदी ने कहा, “अलौकिक अयोध्या! मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अपने भव्य मंदिर में विराजने के बाद यह पहली दीपावली है। अयोध्या में श्री राम लला के मंदिर की यह अनुपम छटा हर किसी को अभिभूत करने वाली है।”
उन्होंने कहा, “500 वर्षों के पश्चात यह पावन घड़ी रामभक्तों के अनगिनत बलिदान और अनवरत त्याग-तपस्या के बाद आई है। हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने हैं। मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम का जीवन और उनके आदर्श विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में देशवासियों के लिए प्रेरणापुंज बने रहेंगे। जय सियाराम!”
दीपोत्सव 2024 में बने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
छोटी दिवाली के दिन बुधवार (30 अक्टूबर) को अयोध्या में सरयू नदी के तट पर आठवें दीपोत्सव मनाया गया। इस दौरान दो विश्व रिकॉर्ड बने। यहां अयोध्या ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया। सरयू नदी के तट पर 25 लाख 12 हजार 585 दीयों का प्रज्जवलन किया गया। इसके साथ ही 1,121 ‘वेदाचार्य’ (धार्मिक ग्रंथों के शिक्षक) ने एक साथ ‘आरती’ की गई।
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