अबू धाबी क्राउन प्रिंस ने राजघाट पर किया पौधारोपण, तीन दशक पुरानी परंपरा को जारी रखा

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अबू धाबी के युवराज (क्राउन प्रिंस) शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने सोमवार को राजघाट पर एक पौधा लगाया। यह पहली बार है जब किसी देश के नेताओं की तीन पीढ़ियों ने महात्मा गांधी की विरासत का सम्मान करने के लिए ऐसा भाव प्रदर्शित किया है। भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए अल नाहयान ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक चर्चा के बाद अमलतास (कैसिया फिस्टुला) का पौधा लगाया।

एक अधिकारी ने बताया कि अबू धाबी के युवराज 30 वर्षों में राजघाट पर पौधारोपण करने वाले संयुक्त अरब अमीरात की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। यूएई के नेताओं द्वारा 1992 और 2016 में लगाए गए दो पौधे अब हरे-भरे पेड़ बन गए हैं और युवराज ने दोनों को पानी भी दिया। वर्ष 1992 में संयुक्त अरब अमीरात के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान ने भारत यात्रा के दौरान अमलतास का पौधा लगाया था।

राजघाट के इतिहास में पहली

वर्ष 2016 में उनके बेटे, शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (जो संयुक्त अरब अमीरात के वर्तमान राष्ट्रपति हैं) ने मौलश्री (मिमुसोप्स एलेंगी) का पौधा लगाकर इस परंपरा को जारी रखा। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “युवराज (क्राउन प्रिंस) ने अमलतास का पौधा लगाया है, जिससे इस विरासत को और मजबूती मिलेगी।” उन्होंने कहा कि राजघाट के इतिहास में यह पहली बार है कि एक ही देश के नेताओं की तीन पीढ़ियों ने गांधीजी की विरासत का सम्मान करते हुए पौधारोपण किया है।

वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी और युवराज अल नाहयान ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी में हुई पर्याप्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के अवसरों पर चर्चा की। पिछले कुछ वर्षों में भारत-यूएई के संबंधों में काफी प्रगति हुई है।

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