Amethi Murder Case: उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बुधवार (4 सितंबर) को अमेठी पहुंचकर टीचर फैमिली हत्याकांड में मृतक परिवार के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की है। उनके साथ स्थानीय विधायक ऊंचाहार मनोज पाण्डेय भी वहां मौजूद थे। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और प्रशासन पर सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने मृतक परिवार से मुलाकात करते हुए कहा कि, ‘यह घटना अत्यंत दु:खद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही आदेश दे दिया है कि आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। हम किसी भी कीमत पर न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’ वहीं, स्थानीय विधायक मनोज पाण्डेय ने भी परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और जांच तेजी से की जा रही है।
हंसता-खेलता परिवार पर चलाई 9 गोलियां
अमेठी मर्डर केस के बारे में खुलकर बताया जाए तो, वहां कि खून से सनी जमीन और वहां पड़ी चार लाशें। अमेठी के लोगों ने जब ये दृश्य देखा तो उनके रोंगटे खड़े हो गए। 3 अक्टूबर की शाम को, अमेठी के एक दलित परिवार के 4 लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया, जिसमें 2 मासूम बच्चियां भी शामिल थीं।
यह जघन्य वारदात उस वक्त हुई, जब परिवार घर में आराम से बैठा हुआ था। अचानक हमलावर आए और 9 राउंड गोलियां चलाकर पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया। इस दर्दनाक घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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बच्चों पर गोलियां दागते वक्त नहीं कांपें हाथ?
यह परिवार रायबरेली का रहने वाला था और हाल ही में अमेठी में एक किराए के मकान में शिफ्ट हुआ था। सुनील कुमार जो एक सरकारी स्कूल में शिक्षक था उसका का ट्रांसफर हुआ था और उन्होंने यहां अपना नया घर बसाया था। हत्याकांड का कारण अब तक पता नही चला है, लेकिन हमलावरों के इरादे बेहद स्पष्ट थे। उन्होंने कुछ ही मिनटों में पूरे परिवार का अंत कर दिया। सुनील, उनकी पत्नी पूनम और दोनों मासूम बच्चियों को गोलियों से छलनी कर दिया गया।
बच्चों-दंपत्ति की गोली मारकर हत्या
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा अमेठी के सीएमओ अंशुमान सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि सुनील कुमार को एक और उनकी पत्नी पूनम को दो गोलियां लगी थीं। वहीं, दोनों बच्चियों के शरीर पर भी चोटों के निशान पाए गए, जिससे उनकी मौत गोली लगने से हुई। पुलिस ने मृतकों की पहचान कर ली है, जिनमें सुनील कुमार, उनकी पत्नी पूनम भारती, 4 साल की लाडो और डेढ़ साल की सृष्टि शामिल हैं।
पुलिस ने क्या कहानी बताई?
पुलिस द्वारा बताई गई कहानी के मुताबिक, सुनील कुमार एक कंपोजिट विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात थे और रायबरेली के गदागंज इलाके के रहने वाले थे। यह दर्दनाक घटना अमेठी के ओहरवा भवानी इलाके में हुई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में मामला लूट का नहीं लग रहा है। अमेठी के एसपी अनूप सिंह ने बताया कि अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर सुनील, उनकी पत्नी और दोनों बेटियों को गोली मार दी।
मृतक पत्नी पूनम ने कराई थी शिकायत दर्ज
इस बीच, पुलिस एक नए एंगल की जांच कर रही है। मृतक पत्नी पूनम भारती ने चंदन वर्मा नामक व्यक्ति के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। 18 अगस्त को दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पूनम ने आरोप लगाया था कि चंदन ने उसके साथ अश्लील हरकत करने की कोशिश की थी। जब उसने विरोध किया तो चंदन ने उसे और उसके पति को पीटा और जान से मारने की धमकी दी। एफआईआर में पूनम ने यह भी लिखा था कि अगर उसके परिवार को कुछ हुआ तो चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने सख्त कार्रवाई के दिए आदेश
सरकार की कार्रवाई अमेठी की इस जघन्य घटना की जांच अब डिप्टी एसपी डीके शाही की अगुवाई में हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जांच के लिए एक 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो हत्याकांड के हर पहलू की छानबीन कर रही है।
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