CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अयोध्या का परिवर्तन ‘‘डबल इंजन सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा करने’’ का प्रमाण है तथा काशी और मथुरा में भी इसी तरह का परिवर्तन होना चाहिए।
इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद आठवें दीपोत्सव में भाग लेते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यह एक पहला ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि 500 वर्षों के बाद भगवान राम अब दिवाली के लिए अयोध्या में अपने निवास में हैं। यह तो बस शुरुआत है और इस शुरुआत को अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचना है। इसलिए 2047 तक जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा, तो काशी और मथुरा को भी अयोध्या की तरह चमकना चाहिए।’’
अयोध्या को खुद को साबित करने की बारी
उन्होंने कहा,‘‘डबल इंजन सरकार ने अपना वादा (राम मंदिर का निर्माण) पूरा किया है और अब अयोध्या को खुद को साबित करने की बारी है। याद रखिए, मां सीता की यह अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए। हमें इससे बाहर आना होगा.. अयोध्या के लोगों को एक बार फिर (इसके लिए) आगे आना होगा। यही कारण है कि हम आज इस भव्य समारोह के लिए यहां हैं।’’
मुख्यमंत्री ने सरकार के विकास एजेंडे में ‘‘बाधा बनने’’ के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि माफियाओं की तरह इन बाधाओं को भी समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या का परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सनातन धर्म की विरासत के विकास और उन्हें वैश्विक मंच पर ले जाने के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल 22 जनवरी को, 500 साल के इंतजार के बाद, भगवान राम लला एक बार फिर अपने जन्म स्थान पर विराजमान हुए, जिससे दुनिया को यह संदेश मिला कि किसी को भी अपने रास्ते से कभी नहीं भटकना चाहिए क्योंकि यह दृष्टिकोण निश्चित रूप से सफलता की ओर ले जाएगा।’’
संतों और अनगिनत शहीदों को नमन करता हूं
उन्होंने कहा कि यह उन सभी आत्माओं को याद करने का क्षण है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर उन सभी संतों को और अनगिनत शहीदों को नमन करता हूं – जिनकी संख्या लगभग 3,50,000 है – जिन्होंने इस दुनिया से जाते समय एक ही इच्छा के साथ अपने प्राणों की आहुति दी: चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े, अयोध्या की धरती पर भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिज्ञा पूरी हुई है तथा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है एवं रामलला अयोध्या धाम में विराजमान हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यह दीपोत्सव रामलला के फिर से विराजमान होने के बाद पहला है। पहले हम कहते थे, “हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं।” यह डबल इंजन वाली सरकार बिल्कुल वैसा ही करती है। अकेले अयोध्या के लिए – जहां 2017 से पहले नियमित बिजली नहीं थी – 31,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। यह तो बस शुरुआत है।’’
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि कोरोना महामारी के कठिन समय में भी दीपोत्सव की परंपरा थमी नहीं, बल्कि इसे और भव्य रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि जो सनातन धर्म पर बार-बार प्रश्न खड़ा करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सनातन ने किसी का अहित नहीं किया, सबको गले से लगाया, दुनिया का कोई मत-संप्रदाय ऐसा नहीं है, जिसे विपत्तियों के समय सनातन ने उन्हें फलने-फूलने और आगे बढ़ने का अवसर न दिया हो।
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर राजनीति करने वाले…
उन्होंने कहा कि मगर धर्मनिरपेक्षता के नाम पर राजनीति करने वाले लोग सनातन धर्म पर कुठाराघात करते हुए भारत में नक्सलवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी मानवता और विकास के मार्ग में रोड़ा बनेगा, उसका भी वही हाल होगा जो प्रदेश में माफिया का हुआ है। उन्होंने कहा,‘‘रामकाज पूरा किये बिना हम विश्राम नहीं लेने वाले। जब तक हम सनातन धर्म के रोड़ों को समाप्त नहीं करते, तबतक हमें विश्राम नहीं करना है। ’’
बाद में एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया में सनातनधर्मी इस बात को लेकर नतमस्तक थे कि भारत ने लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के फैसले को कैसे जमीनी धरातल पर मजबूती के साथ उतारा गया, अयोध्या इसका अप्रतिम उदाहरण है।
उन्होंने बताया कि स्वयं प्रभु श्रीराम कहते हैं कि अवधपुरी के समान उन्हें कुछ भी प्रिय नही है, क्योंकि येह मेरी जन्मभूमि है, इसके बावजूद जो लोग भगवान के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते थे उन्हें ये सोचना चाहिए था कि वे राम या सनातन पर प्रश्नचिह्न नहीं बल्कि हमारे-आपके धर्म और पूर्वजों पर प्रश्नचिह्न उठा रहे थे और हम मौन थे।
काशी और मथुरा में भी…
उन्होंने कहा कि जैसी व्यवस्था अयोध्या में हुई है, वैसे ही काशी और मथुरा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘विकास सब स्थान पर हो, दरिद्रता और दुख कहीं नहीं हो, इस दिशा में हम कदम उठा रहे हैं। ’’
उन्होंने कहा कि दीपोत्सव का यह आयोजन प्रभु श्रीराम की नगरी को संपूर्ण विश्व में नई पहचान देने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या को दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे दीपावली का पर्व उल्लासपूर्ण मनाएं और अपने साथ उन लोगों को भी शामिल करें, जिनके पास साधन कम हैं।
आयोजन में श्रीराम भक्तों की बड़ी उपस्थिति के साथ-साथ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, तथा कई कैबिनेट मंत्री और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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