Arvind Kejriwal News: दिल्ली (Delhi CM) के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत मिलने के दो दिन बाद एक ऐसा फैसला लिया जिससे देश की राजधानी का सियासी पारा हाई है। केजरीवाल (Kejriwal) ने रविवार को आम आदमी पार्टी के मुख्यालय से बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि जब तक जनता फैसला नहीं सुना देती मैं उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जल्दी चुनाव करने की मांग की।
अब बड़ा सवाल ये उठता है कि अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत मिलने के बाद अचानक ये फैसला क्यों लिया। उनके इस कदम से आम आदमी पार्टी को फायदा होगा या नुकसान? उनके इस निर्णय से भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ेंगी या उनकी राहें और आसान हो जाएगी? यहां जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर अरविंद केजरीवाल और आप के मन में क्या है।
अब क्या करेंगे अरविंद केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ये कहा कि वो दो दिन बाद यानि मंगलवार, 17 सितंबर को इस्तीफे का ऐलान करेंगे। इन दो दिनों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों के बीच बैठकों का दौर चलने वाला है। इसी मीटिंग में ये भी फैसला होगा कि केजरीवाल के बाद दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। केजरीवाल भले ही मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहेंगे, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रीमोट कंट्रोल उनके हाथ में रहेगा। यही वजह है कि वो किसी ऐसे को सीएम की कुर्सी देना चाहेंगे जिसपर उन्हें पूरा भरोसा हो।
लोगों से संवाद करेंगे केजरीवाल
दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने रविवार को बताया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में जगह-जगह जाकर लोगों से संवाद करेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसकी रूप रेखा तैयार की जाएगी। केजरीवाल लोगों को बताएंगे कि कथित ‘शराब घोटाला’ आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने का प्रयास है। लोकसभा चुनाव में ‘आप’ को बड़ा झटका लगा और वो सभी सीटें हार गई। केजरीवाल लोगों के बीच जाकर उनका भरोसा जीतने की पूरी कोशिश करेंगे।
आप को फायदा या नुकसान?
अरविंद केजरीवाल का सीएम पद से इस्तीफा का फैसला आम आदमी पार्टी के लिए ‘दो धारी तलवार’ साबित हो सकती है। कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने इसे महज नौटंकी बताया है और कहा कि अब उनके सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। वहीं बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल ने इस्तीफे का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिली और इसी दबाव की वजह से केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ रहा है।
भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगने के बाद से आम आदमी पार्टी बैकफुट पर है। पहले मनीष सिसोदिया और फिर अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से उन्हें बड़ा झटका लगा। केजरीवाल ने दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग की है। अगर ऐसा होता है तो ‘आप’ को सिम्पैथी (सहानुभूति) का लाभ मिल सकता है। चुनाव में देरी होने पर ‘आप’ इसका ठीकरा बीजेपी पर फोड़ सकती है और दावा कर सकती है कि भाजपा दिल्ली में चुनाव से बच रही है।
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