‘असहिष्णुता के ख़िलाफ़ खड़े होना हमारा कर्तव्य है’: वोल्कर टर्क

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80 साल पहले इसी दिन (27 जनवरी) को पोलैंड के ऑशविट्ज़-बिरकेनौ यातना और मृत्यु शिविरों में, 7 हज़ार लोगों को भूखे मरने के लिए छोड़े दिया गया था, जिन्हें, मित्र देशों के सैनिकों ने मुक्त कराया था. सोमवार को उस जनसंहार के स्मरण दिवस पर, इनसानियत का सबक़ फैलाने का आहवान किया गया है.

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