उत्तराखंड के राजकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से बिना किसी सूचना के गैरहाजिर रहे चार सहायक प्रोफेसर को बृहस्पतिवार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। अधिकारियों ने यहां बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत की स्वीकृति के बाद इन सहायक प्रोफेसर की तत्काल बर्खास्तगी के आदेश जारी किए गए।
उन्होंने बताया कि कार्रवाई से पहले चारों सहायक प्रोफेसर – इंद्रजीत सिंह, डॉ. नंदिनी सिंह, ए.के. राय और डॉ. नरेश मोहन चड्ढा को विभाग द्वारा समय-समय पर नोटिस भी जारी किए गए लेकिन उन्होंने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही ड्यूटी पर पहुंचे।
अधिकारियों ने बताया कि डॉ. चड्ढा 2003 से जबकि अन्य तीन 2004 से लगातार अनुपस्थित थे। रावत ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापरक शिक्षा एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए राज्य सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है और इसी के तहत लंबे समय से अनुपस्थित रहे चार सहायक प्रोफेसर की सेवाएं समाप्त कर दी गयी हैं।