उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। राहत विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ नगर, बदायूं, बलिया, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, गोंडा और कुशीनगर सहित जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रही हैं।
विभाग ने बताया कि ये जिले या तो राज्य के तराई क्षेत्र में आते हैं या निचले हिमालयी क्षेत्र के जलग्रहण क्षेत्र में हैं जिसकी वजह से नेपाल और उत्तराखंड में बारिश के असर यहां होता है। जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए राहत विभाग के साथ-साथ जिले में स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है।
भारी बारिश के बाद अलर्ट पर प्रशासन
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया,‘‘पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के बाद हम सतर्क हैं। हमारे बाढ़ चौकियों और बाढ़ आश्रय स्थलों पर तैनात कर्मचारी सतर्क हैं। उन्हें स्थिति पर सक्रिय रूप से नज़र रखने के लिए कहा गया है।’’
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गत 24 घंटे के दौरान 27.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य के 75 जिलों में से 55 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। गोंडा, गोरखपुर, बलरामपुर ऐसे जिले हैं, जहां 24 घंटे की अवधि में 150 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
बारिश के 24 घंटे में 7 लोगों की मौत
अधिकारियों के मुताबिक गत 24 घंटे की अवधि में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हुई। फतेहपुर में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि गाजीपुर में दो लोगों की मौत हुई।
राहत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चित्रकूट और अयोध्या में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जिन जिलों में अधिक बारिश हुई है, वहां जिला प्रशासन को बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
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