Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की ताजपोशी से पहले ही ग्रहण लग गया है। कांग्रेस पार्टी, जो जम्मू कश्मीर में किंगमेकर की भूमिका निभा रही है, उसने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल से खुद को अलग कर लिया है। सरल शब्दों में कहें तो कांग्रेस पार्टी का कोई विधायक जम्मू कश्मीर की नई सरकार में मंत्री नहीं बनेगा।
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन है। दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा और गठबंधन में बहुमत से ऊपर 48 सीटें जीतीं। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 और कांग्रेस 6 सीटें जीतकर आई है। 90 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों के जरूरत पड़ती है। मौजूदा वक्त में नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ा दल है और ऐसे में उसे सरकार बनाने का मौका मिल रहा है। हालांकि कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार को समर्थन का वादा तो कर दिया है, लेकिन खुद मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनेगी।
कांग्रेस क्यों मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो रही है?
सूत्र बताते हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली जम्मू कश्मीर कैबिनेट में कांग्रेस शामिल नहीं है। हालांकि पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार का बाहर से समर्थन करेगी। सूत्रों के मुताबिक, ये फैसला कथित तौर पर कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लिया गया है, जिसने 2014 में 12 सीटों की तुलना में इस बार सिर्फ 6 सीटें जीती हैं। इसके अलावा बताया ये भी जाता है कि कांग्रेस को सरकार में सिर्फ एक मंत्री पद की पेशकश की गई थी। इसके बाद पार्टी ने सरकार में शामिल ना होने और इसके बजाय बाहर से सहयोगी का समर्थन करने का फैसला किया।
आज CM पद की शपथ लेंगे उमर अब्दुल्ला
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद उमर अब्दुल्ला आज केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को सुबह 11.30 बजे श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की उम्मीद है।
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