नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी के लिए अहम खनिजों की मांग में वर्ष 2030 तक क़रीब तीन गुना वृद्धि होने की सम्भावना है. मगर, इनके खनन की मौजूदा प्रक्रिया टिकाऊ नहीं है, उससे पर्यावरण को हानि पहुँचती है और यह मानवाधिकार हनन की भी वजह है. इसके मद्देनज़र, यूएन महासचिव द्वारा गठिन एक विशेषज्ञ आयोग ने वैश्विक ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की प्रक्रिया को न्यायसंगत व समता आधारित बनाने और उसे टिकाऊ तौर-तरीक़ों के साथ आगे बढ़ाने के लिए अपनी सिफ़ारिशों व सिद्धान्तों का पुलिन्दा प्रस्तुत किया है.