
संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि कृत्रिम बुद्धिमता (AI), वर्ष 2033 तक 4,800 अरब डॉलर का वैश्विक बाज़ार बनने की ओर अग्रसर है, जोकि लगभग जर्मनी की अर्थव्यवस्था के बराबर है. हालांकि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यदि उपयुक्त क़दम नहीं उठाए गए तो एआई का लाभ केवल चंद हाथों तक ही सीमित रह जाने का जोखिम भी है.