सापों के जहर की खरीद-फरोख्स के मामले में यूटूबर एल्विश यादव और सिंगर राहुल फाजिलपुरिया को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ED की जांच में पता चला है कि राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया और एल्विश यादव ने अवैध रूप से संरक्षित प्रजाति के सांपों के जहर का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक्शन लेते हुए दोनों की प्रॉपर्टी को अटैच किया है।
ED की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वन्यजीव मामले में PMLA, 2002 के प्रावधानों के तहत 52.49 लाख रुपये की संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क की हैं। ईडी ने यूपी और हरियाणा में प्रॉपर्टी अटैच की है। कुर्क की गई संपत्तियां उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में कृषि भूमि और राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया, एल्विश यादव और स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैंक बैलेंस के रूप में हैं।
एल्विश और राहुल सांपों की जहर का कहां करते थे इस्तेमाल
वहीं, ED की जांच में पता चला है कि सिगंर फाजिलपुरिया और यूटूबर एल्विश यादव ने अवैध रूप से संरक्षित प्रजाति के सांपों, इगुआना जैसे विदेशी जानवरों का इस्तेमाल कमर्शियल म्यूजिक वीडियो और व्लॉग बनाने में किया था, जिसका उद्देश्य फॉलोअर्स बढ़ाना और पैसे कमाना था। आगे की जांच से पता चला है कि ये म्यूजिक वीडियो स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए थे और फिर वीडियो को राजस्व उत्पन्न करने के लिए यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया था।
ED ने लाखों की संपत्ति की कुर्क
ED ने इस गतिविधि से जुड़ी अपराध की आय की पहचान की है और राहुल, एल्विश और स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित चल और अचल दोनों संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया है, जो उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता को दर्शाता है। संपत्ति का कुल मूल्य 52.49 लाख रुपये है।
बता दें कि बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव एक रेव पार्टी के बाद से विवादों में आए थे। एल्विश यादव को 17 मार्च 2024 में सांपों के जहर की खरीद फरोख्त के मामले में नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एल्विश पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
इन मामलों में एल्विश पर केस दर्ज
एल्विश उन छह लोगों में शामिल हैं जिनके नाम पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के एक प्रतिनिधि की शिकायत पर पिछले साल तीन नवंबर को नोएडा के सेक्टर-49 थाने में दर्ज प्राथमिकी में शामिल थे। पांच अन्य आरोपियों, जो सभी सपेरे थे, को नवंबर में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी थी। पिछले साल तीन नवंबर को नोएडा के एक बैंक्वेट हॉल से पांच सपेरों को गिरफ्तार किया गया था और उनके कब्जे से पांच कोबरा सहित नौ सांपों को बचाया गया था, जबकि सांप का 20 मिलीलीटर संदिग्ध जहर भी जब्त किया गया था।