ओडिशा के सिमलीपाल बाघ अभयारण्य (एसटीआर) में स्थानांतरण के लिए अधिकारियों ने महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य (टीएटीआर) से दो बाघों की पहचान की है और उन्हें पकड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
टीएटीआर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. जितेंद्र रामगावकर ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य से दो बाघ को ओडिशा के मयूरभंज जिले में एसटीआर में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
बाघों के स्थानांतरण के लिए कार्ययोजना तैयार करने हेतु हाल ही में दोनों बाघ अभयारण्यों के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। एसटीआर ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, एनटीसीए और अन्य एजेंसियों के समक्ष दो बाघों की मांग रखी थी।
रामगावकर ने कहा, ‘‘मांग के बाद एसटीआर अधिकारियों को टीएटीआर से बाघों के स्थानांतरण के लिए आवश्यक अनुमति मिल गई है।’’ उन्होंने बताया कि टीएटीआर से दो बाघों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया कि दोनों अभयारण्यों के 25 अधिकारियों ने बाघों की आवाजाही और उनकी गतिविधियों के प्रवृत्ति पर नजर रखने के लिए पहले ही कार्य शुरू कर दिया है।
रामगावकर ने कहा, ‘‘बाघों को पकड़ना एक बड़ा काम है और अधिकारी इस परियोजना पर काम करने के लिए मैदान पर हैं। दो बाघों को पकड़ने के बाद उन्हें एसटीआर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।’’ टीएटीआर में लगभग 100 बाघ हैं।
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