कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह जीएसटी परिषद को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत कर समाप्त करने की सलाह दें। जीएसटी परिषद की अगली बैठक नौ सितंबर को होने वाली है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, “स्वस्थ भारत सुनिश्चित करना प्रत्येक निर्वाचित प्रतिनिधि का कर्तव्य है, यह पार्टी लाइन से परे हो। स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाना प्रतिकूल कदम है, जिससे आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवा कम सुलभ होती है।”
मोदी से तत्काल कार्रवाई करने की अपील – दिनेश गुंडू राव
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है कि वे जीएसटी परिषद को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की सलाह दें। अब समय आ गया है कि हम अपने नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता दें।”
राव ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 18 प्रतिशत के उच्चतम कर स्लैब में है और राजनेताओं व नीति निर्माताओं सहित सभी संबंधित लोगों के विरोध के बावजूद 2017 से यह ऐसा ही है।
एक आवश्यक सेवा पर इतना अधिक जीएसटी लगाना उचित नहीं- दिनेश गुंडू राव
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मंत्री ने कहा, “एक आवश्यक सेवा/आवश्यकता पर इतना अधिक जीएसटी लगाना, विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद की दुनिया में उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी की उच्च दर का सीधा असर प्रीमियम की लागत पर पड़ता है। इसका मतलब है कि स्वास्थ्य बीमा अब और महंगा हो गया है।
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