सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कांग्रेस विधायक आई सी बालाकृष्णन के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला और देश की सबसे पुरानी पार्टी के एक स्थानीय नेता की हाल में हुई कथित आत्महत्या के मामले में उनके इस्तीफे की मांग की।
वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के कोषाध्यक्ष और सुल्तान बाथरी पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एन एम विजयन (78) और उनके बेटे जिजेश (38) ने शुक्रवार को कोझिकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अंतिम सांस ली। प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में व्यापक जांच की मांग की।
बाथरी स्थित विधायक कार्यालय के पास वामपंथी कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को लांघने की कोशिश की। महिलाओं सहित प्रदर्शनकारियों ने विधायक के खिलाफ नारे लगाए, उनके इस्तीफे की मांग की तथा पुलिस से मामले की व्यापक जांच करने का आग्रह किया।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों में माकपा की वायनाड जिला इकाई के सचिव के रफीक और अन्य स्थानीय नेता शामिल थे। इस बीच कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि आई सी बालाकृष्णन अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर जिला पुलिस प्रमुख के समक्ष शिकायत दर्ज कराएंगे।
विजयन वायनाड में कांग्रेस के एक प्रमुख नेता थे और उनके बेटे सुल्तान बाथरी सहकारी बैंक के पूर्व कर्मचारी थे। दोनों की मौत से जिले में राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। उनकी मौत के तुरंत बाद आरोप सामने आए कि विजयन ने पार्टी के पदाधिकारी के रूप में, विधायक बालकृष्णन के निर्देश पर कांग्रेस द्वारा नियंत्रित सहकारी बैंक में नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले कई लोगों से पैसे लिये थे।
ऐसी भी खबरें थीं कि वादे के अनुसार नौकरी के लिए नियुक्ति नहीं दिए जाने के कारण दिवंगत नेता ने हाल ही में केपीसीसी प्रमुख को एक पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। हालांकि आई सी बालाकृष्णन ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, लेकिन माकपा के जिला नेतृत्व ने रविवार को पुलिस से विजयन और उनके बेटे की मौत के मामले में उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाने का आग्रह किया।
पुलिस ने कहा कि विजयन और उनके बेटे जिजेश ने अपने घर पर कथित तौर पर जहर खा लिया और मंगलवार को उनके पड़ोसियों ने उन्हें गंभीर हालत में पाया। उन्हें पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया।