असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस को ‘राजनीतिक लाभ’ के लिए संविधान निर्माता डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने वाली एक ‘बेशर्म’ पार्टी करार दिया। उन्होंने बुधवार को दावा किया कि कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू के परिवार के नेताओं के नाम पर अनगिनत योजनाएं शुरू कीं और कई संस्थान स्थापित किए, लेकिन आंबेडकर के नाम पर ऐसा कुछ नहीं किया गया।
शर्मा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस को कोई शर्म नहीं है। जिस पार्टी ने आपातकाल लगाया, संविधान को निलंबित किया, लोकतंत्र की हत्या की, वही कांग्रेस संविधान के नाम पर जुलूस निकाल रही है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इंदिरा गांधी आवास योजना शुरू की, राजीव गांधी के नाम पर कई योजनाएं शुरू कीं और देश के कई बड़े विश्वविद्यालयों का नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में आंबेडकर जयंती मनाई गई। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने आंबेडकर की प्रतिमा या चित्र पर माल्यार्पण कब से शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज राजनीतिक लाभ लेने के लिए आंबेडकर की स्मृति, विचारधारा, बलिदान को हथियार बना दिया गया है। ऐसा शर्मनाक कृत्य भारत में पहले कभी नहीं हुआ।’’
पड़ोसी देश में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू होने के बाद राज्य में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए चिंता का विषय है, विशेषकर उन राज्यों के लिए जो देश के साथ सीमा साझा करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘असम में सतर्क रहने की जरूरत है, हम प्रतिदिन 20 से 25 बांग्लादेशियों को पकड़ रहे हैं और कई लोग बगैर पकड़ में आए यहां प्रवेश कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों, विशेष रूप से सीमावर्ती राज्यों को सतर्क रहने को कहा है।
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