
Gujarat: देश-दुनिया में आपने कभी न कभी किसी ना किसी महापुरुष या साधु-संत को समाधि लेते हुए देखा या सुना होगा। जब संत स्वयं अपनी इच्छा से शरीर छोड़कर ब्रह्मलीन होते हैं तो वो समाधि लेते हैं। कुछ साधक जल समाधि लेते हैं तो कुछ साधक भू-समाधि लेते हैं। लेकिन गुजरात के अमरेली से एक अनोखा मामला सामने आया है कि जहां किसी महापुरुष या संत को नहीं बल्कि एक कार को भू समाधि दी गई है।
सुनने में कुछ अजीब है लेकिन ये सच है। ये अनोखा मामला गुजरात के अमरेली का है, जहां एक किसान ने अपनी पसंदीदा और भाग्यशाली कार को भू-समाधि दी। इस मौके पर उन्होंने अपने सगे संबंधियों और रिश्तेदारों को भी बुलाया। कार को समाधि देते देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
फूल-मालाओं से सजाकर किसान ने अपनी लकी कार को दी भू-समाधि
पूरा मामला अमरेली के पादर्शिगा गांव का है, यहां एक किसान संजय पोलरा ने अपनी लकी कार को बेची नहीं बल्कि अपने ही खेत में समाधि दी। किसान ने अपने ही खेत में एक बड़ा सा गड्ढा खुदवाया और पंडित को बुलाकर शास्त्र विधि के अनुसार कार को भू-समाधि दी। कार मालिक संजय पोलरा का मानना है कि जब से उसने यह कार ली सब से उसकी आर्थिक स्थिति समृद्धि हुई। इसलिए वह इसे बेचना नहीं चाहता थे। हमेशा कार की याद रहे इसलिए खेत में समाधि दे दी।
15 साल पहले खरीदी थी कार
कार के मालिक ने बताया कि 85000 रुपए में उन्होंने वेगनआर कार 15 साल पहले खरीदी थी। जब उन्होंने ये कार खरीदी तब वो किसानी का काम करते थे और अपने गांव में रहकर ही खेती करते थे। गाड़ी आने के बाद खेत में उत्पादन में काफी तरक्की हुई और उन्होंने सूरत जाकर बिल्डर का काम शुरू किया। बिल्डिंग बनाने का काम बहुत बढ़िया तरीके से चलने लगा।। आज 15 साल के बाद उनके पास ऑडी कार है और आर्थिक पोजीशन भी बहुत अच्छी है।
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