Ratan Tata Cause Of Death: देश ने अपना अनमोल रत्न खो दिया है। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से उनकी खराब तबीयत को लेकर खबर आ रही थी। हालांकि, निधन से दो दिन पहले रतन टाटा ने खुद सोशल मीडिया के जरिए ये कहा था कि उनकी तबीयत ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा था कि वो उम्र संबंधी चेकअप के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। हालांकि, दो दिन बाद ही ये दुखद खबर सामने आई कि मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया।
रतन टाटा की मौत कैसे हुई?
देश के नामी उद्योगपति रतन टाटा काफी समय से बढ़ते उम्र संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले दिनों उनका ब्लड प्रेशर डाउन होने के कारण मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस वजह से उन्हें ICU में रखा गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर रतन टाटा को नहीं बचा सके और 86 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।
रतन टाटा का आखिरी पोस्ट
रतन टाटा के निधन पर रिएक्शन देते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने कहा कि हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ रतन टाटा को विदाई दे रहे हैं। समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। बता दें कि निधन से दो दिन पहले यानि 7 अक्टूबर को रतन टाटा ने अपनी हेल्थ को लेकर जानकारी साझा की थी। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि वो बिल्कुल ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। रतन टाटा ने लिखा था, ” मेरे बारे में सोचने के लिए धन्यवाद। मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैली अफवाहों से अवगत हूं और सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं।”
उन्होंने आगे लिखा था कि अपनी उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से रूटीन हेल्थ चेकअप करवा रहा हूं। चिंता की बात बात नहीं है। मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं और जनता और मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वे गलत सूचना फैलाने से बचें।
पीएम मोदी ने जताया दुख
रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग परोपकारी उद्योगपति को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रतन टाटा के निधन पर दुख जताया। उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखा, ”श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया।
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