राष्ट्र सर्वोपरि सम्मलेन: रिपब्लिक भारत के राष्ट्र सर्वोपरि सम्मलेन में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरकार से लेकर संगठन तक हर मुद्दे पर अपने विचारों को साझा किया। हरियाणा चुनाव में जीत से लेकर ओडिशा में जीत तक, विपक्ष की जीत पर लोकतंत्र की जीत और बीजेपी की जीत पर लोकतंत्र की हार करार देने वालों को भी जवाब दिया।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान राष्ट्र सर्वोपरि सम्मलेन में कहा कि कुछ लोगों ने इन दिनों डेमोक्रेसी की नयी डेफिनेशन बना ली है। जब वो जीतते हैं तो कहते हैं कि लोकतंत्र की जीत हुई है और हारते हैं तो लोकतंत्र की हार बताते हैं, ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। ये उनके दिवालियेपन की निशानी है। हमें हार और जीत दोनों को स्वीकार करना चाहिए।
राहुल संविधान की मूल भावना का अपमान करते हैं- धर्मेंद्र प्रधान
कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी एक तरफ तो हाथ में संविधान लेकर चलते हैं दूसरी तरफ उसी संविधान की मूल भावना का अपमान करते हैं। वो अमेरिका में बैठकर आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं जो संविधान में दिया गया है। कई लोगों के हाथ में सालों तक सत्ता रही लेकिन उनको दिवालिया भी कहा गया है क्यूंकि उनकी खुद की समझ और उनके सलाहकार सही नहीं थे। जो वास्तविकता से दूर रहते हैं वो सामंतवादी हैं। अगर कांग्रेस का प्रजातंत्र पर विश्वास होता तो उनका ये हश्र नहीं होता।
हम तिजोरी भरने के लिए सत्ता में नहीं आए- धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जब आपकी प्रतिबद्धता होती है, हमको जीतना है लेकिन तिजोरी भरने के लिए नहीं, दामाद की संपत्ति बढ़ने के लिए नहीं और आनंदित होने के लिए नहीं। हमारे नेता पसीना बहाकर काम करते हैं। कुछ लोगों को देश के साथ जुड़ाव नहीं है। आप विदेशी ताकत के साथ जुड़ोगे, विदेशी भूमि पर भारत को नीचे दिखाओगे, इसको लेकर लोग आपकी नींद तोड़ ही देते हैं। कांग्रेस 03 बार से 100 के आंकड़े को पार नहीं कर पा रही है। विपक्ष अगर कहता है कि हम बोलने नहीं देते तो उनकी तर्कविहीन बातों का हम क्या उत्तर दें।
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