भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर कुश्ती पहलवान बजरंग पूनिया पर तंज कसा है। गोंडा के नवाबगंज क्षेत्र में अपने निजी आवास विष्णुहरपुर में पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान बृजभूषण सिंह ने बजरंग पुनिया को लेकर कहा है कि वो कुश्ती को बर्बाद करना चाहते हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि ये लोग बार-बार हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कुश्ती को बाधित कर रहे हैं। ये लोग कुश्ती के खेल को रोकने के लिए बार-बार हाईकोर्ट में रिट दाखिल कर रहे हैं। इससे किसका नुकसान हो रहा है? कुश्ती संघ का धरना देने वाले खिलाड़ियों का या फिर हाईकोर्ट में रिट दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं का? बृजभूषण सिंह ने कहा कि इसमें सिर्फ और सिर्फ कुश्ती की बर्बादी हो रही है और खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है।
पूर्व बीजेपी सांसद ने कहा, ‘ये दुर्भाग्य है कुश्ती का और आज दो साल से लगातार ये लोग कुश्ती को बाधित कर रहे हैं। जब ये धरने पर बैठे थे तब ये बोले थे कि हम कुश्ती को बचाने के लिए धरना कर रहे हैं और देखने में ये लगातार ये आ रहा है कि ये लोग लगातार कोई न कोई याचिका कोई न कोई रिट हमेशा हाईकोर्ट में डालते रहते हैं खेल को रोकने की बात करते हैं। अभी उनके एडवोकेट ने…. बजरंग पुनिया ने एक याचिका डाली थी उसके पहले सत्यव्रत ने एक याचिका डाली थी वो टीम वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग ली लड़की मेडल लेकर आई उस टीम को सत्यव्रत की याचिका के माध्यम से रोकने का प्रयास किया गया लेकिन रास्ता निकाला गया वर्ल्ड चैंपियनशिप में टीम गई और कई मेडल आए।
फेडरेशन सरकार के हस्तक्षेप को नहीं मानता हैः बृजभूषण सिंह
अब नेशनल होना है और ये एक सतत प्रक्रिया है, चूंकि नेशनल पार्टिसिपेट जो बच्चे करते हैं उसका सर्टिफिकेट जो मिलता है वो बच्चों की जॉब में काम आता है। मान के चलिए 700 से 800 बच्चे उसमें प्रतिभाग लेते हैं और वो 700-800 नेशनल खिलाड़ी कहे जाते हैं। अब इसको रोकने के लिए भी एक याचिका दायर की गई है। ये कमेटी जो वर्तमान समय में है जिसके अध्यक्ष संजय सिंह हैं वो नेशनल नहीं करवा सकते हैं। अब यूडब्ल्यू-डब्ल्यू हमारा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है वो सरकार के हस्तक्षेप को मानता ही नहीं है वो फेडरेशन को मानता है। फेडरेशन ही नेशनल करवा सकती है, फेडरेशन ही सलेक्शन ट्रायल करवा सकती है, फेडरेशन ही टीम भेज सकती है ये राइट्स सरकार को भी नहीं है। अब इसको लेकर के ये लोग हाईकोर्ट में गए हाईकोर्ट ने अगले महीने की तारीख दी थी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाया। लेकिन ये लोग हमेशा कुश्ती को रोकने का प्रयास करते हैं।
नेशनल के लिए 2 साल से क्यों नहीं लग रहे कैंप?
इनको प्रयास करना चाहिए दो साल से कैंप नहीं चल रहे हैं न लड़कियों के कैंप चल रहे हैं न ही लड़कों के कैंप चल रहे हैं। चलो भाई लखनऊ से आपको आपत्ति है तो महाराष्ट्र में लगवा दो , गुजरात में लगवा दो, मध्य प्रदेश में लगवा दो, राजस्थान में लगवा दो। ये कैंप क्यों नहीं चल रहे हैं? ये कैंप क्यों नहीं लगना चाहिए? आखिर इसमें देश के बच्चे ही ट्रेनिंग करते हैं। अब इस तरीके से ये पूरे देश की कुश्ती को खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि जो कमजोर राज्यों के बच्चे हैं जो नेशनल में चुनकर के आते हैं कैंप में आकर के कुश्ती सीखते हैं और सीखकर के जाते हैं। हरियाणा में सुविधा है अखाड़े हैं एकेडमी है महाराष्ट्र में भी सुविधाएं हैं लेकिन बिहार, झारखंड, ओडिशा में, बंगाल और छत्तीसगढ़ में… तो ये खेल को रोककर के पूरे देश की कुश्ती को समाप्त करना चाहते हैं।