केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना में एक आदिवासी महिला से कथित बलात्कार और हत्या के प्रयास की तुलना कोलकाता के एक अस्पताल में चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या से की। मंत्री ने कहा कि इस घटना पर राज्य सरकार से पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है क्योंकि पीड़िता जीवित है। कुमार ने कहा कि राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं पर गंभीरता से प्रतिक्रिया देने की उम्मीद की जाती है, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि…
यहां सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों से 45 वर्षीय पीड़िता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कोलकाता की घटना या निर्भया कांड या (तेलंगाना की) यह घटना, एक जैसी ही है। वह (आदिवासी महिला) जीवित है, इसलिए कोई चर्चा नहीं हो रही।’’ जुबली हिल्स सामूहिक दुष्कर्म मामले सहित तेलंगाना में हुई पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए कुमार ने आरोप लगाया कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के ‘‘गुंडे’’ महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे पिछली बीआरएस सरकार रही हो या मौजूदा कांग्रेस सरकार, ये दोनों ही महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराधों को सांप्रदायिक नजरिए से देखती रही हैं।
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