इस साल अप्रैल में त्रिशूर पूरम उत्सव के दौरान एम्बुलेंस का ‘दुरुपयोग’ करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। त्रिशूर पूर्व पुलिस ने रविवार को इस संबंध में केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री गोपी, अभिजीत नायर और एक एम्बुलेंस चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) तथा मोटर वाहन अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला स्थानीय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता के पी सुमेश की शिकायत के बाद दर्ज किया गया। शिकायत में पुलिस प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए पूरम स्थल तक पहुंचने के लिए एम्बुलेंस का कथित तौर पर दुरुपयोग करने को लेकर गोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
प्राथमिकी के अनुसार, गोपी तथा अन्य आरोपियों ने चुनाव अभियान की रणनीति के तहत काम किया तथा पुलिस प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए तिरुवंबाडी देवस्वोम प्राधिकारियों से बातचीत करने के लिए ‘सेवा भारती’ के स्वामित्व वाली एम्बुलेंस में यात्रा की, जिसमें केवल मरीजों को ले जाने की अनुमति थी।
गोपी उस समय त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे। प्राथमिकी में कहा गया है, ‘उन्होंने लापरवाही से एम्बुलेंस चलाई जिससे मानव जीवन को खतरा पैदा हुआ और अन्य समस्याएं हुईं।’
सुरेश गोपी ने इन आरोपों का खंडन किया कि वह एम्बुलेंस में महोत्सव स्थल पर पहुंचे थे और उन्होंने दावा किया कि वह अपनी कार में महोत्सव स्थल के करीब पहुंचे थे, जिस पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कुछ ‘गुंडों’ ने हमला कर दिया। राज्यमंत्री ने दावा किया कि उन्हें वहां से कुछ युवाओं ने बचाया और उन्हें एक एम्बुलेंस में बिठाया। एम्बुलेंस संकट में फंसे लोगों की सेवा के लिए महोत्सव स्थल पर मौजूद थी।