केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में कर्मचारियों की किसी भी संभावित हड़ताल से निपटने के लिए हरियाणा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम, 1974 का विस्तार बुधवार को इस केंद्र शासित प्रदेश तक कर दिया। माना जा रहा है कि विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों के हड़ताल करने की संभावना के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में आते हैं।
चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है, केंद्र सरकार की ओर से आने वाले दिनों में चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारी की ओर से बिजली के निजीकरण को लेकर हड़ताल को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण अब सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन आता है।