केदारनाथ मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर जंगल चट्टी के निकट सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के कारण शनिवार को तीर्थयात्रा रोक दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा चालू है।
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि केदारनाथ से लौट रहे तीर्थयात्रियों के साथ-साथ गौरीकुंड और सोनप्रयाग से मंदिर के लिए रवाना होने वाले तीर्थयात्रियों को सड़क का 10-15 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बाद रोक दिया गया। इसके कारण मंदिर से लौट रहे हजारों तीर्थयात्री फंस गए।
उन्होंने कहा कि हालांकि, फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग, जो काफी लंबा और घुमावदार था, शीघ्र ही तैयार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि अब तक करीब 5,000 तीर्थयात्रियों को निकाला जा चुका है और बाकी लोगों को भी पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ कर्मियों की मदद से नीचे लाया जा रहा है।
कोंडे ने कहा कि प्राथमिकता सबसे पहले उन तीर्थयात्रियों को निकालने की है जो केदारनाथ से लौटते समय रास्ते में फंस गए हैं।
एसपी ने बताया कि मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को पैदल मार्ग बहाल होने तक फाटा, गुप्तकाशी, रुद्रप्रयाग और श्रीनगर जैसे स्थानों पर रुकने को कहा गया है, जिसमें कुछ समय लग सकता है।
उन्होंने कहा कि हवाई मार्ग से मंदिर की तीर्थयात्रा निर्बाध रूप से जारी है।
कोंडे ने बताया कि जो लोग गौरीकुंड और सोनप्रयाग से मंदिर के लिए रवाना होने वाले थे, उन्हें सुरक्षित रहते हुए आगे की यात्रा न करने को कहा गया।
एसपी ने बताया कि जंगल चट्टी के पास पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद किसी भी तीर्थयात्री को सोनप्रयाग और गौरीकुंड से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है।
कोंडे ने कहा कि केदारनाथ पैदल जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने उनसे अनुरोध किया है कि वे जहां हैं वहीं रहें तथा सोनप्रयाग या गौरीकुंड की ओर न जाएं, जहां सुविधाएं सीमित हैं।
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