केरल की एक अदालत ने माकपा नेता दिव्या को छह घंटे के लिए पुलिस हिरासत में भेजा

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केरल की एक अदालत ने शुक्रवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता पी. पी. दिव्या को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नवीन बाबू की आत्महत्या के मामले में पूछताछ के वास्ते छह घंटे के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएफसीएम) अदालत ने पुलिस को नवीन बाबू को आत्महत्या के लिए उकसाने की आरोपी दिव्या से शाम पांच बजे तक पूछताछ करने की अनुमति दी। पुलिस ने उन्हें दो दिन की हिरासत में सौंपने की अपील की थी। इसके बाद जांच दल ने कन्नूर टाउन पुलिस स्टेशन में उनसे पूछताछ की।

इस बीच, थालास्सेरी प्रधान जिला सत्र न्यायालय ने दिव्या की जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।

कांग्रेस ने जिला कलेक्टर अरुण के. विजयन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट तक विरोध मार्च निकाला। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के प्रमुख के. सुधाकरन ने किया। उन्होंने कहा कि कलेक्टर में दिव्या को आरोप लगाने से रोकने का साहस होना चाहिए था। केपीसीसी प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर यह कहकर दिव्या की मदद करने की कोशिश कर रहे थे कि बाबू ने बाद में गलती स्वीकार कर ली थी। उन्होंने कहा कि कलेक्टर को अपने रुख में सुधार के लिए तैयार रहना चाहिए। सुधाकरन ने यह भी आरोप लगाया कि दिव्या भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल थीं। पुलिस ने उनके भाषण के बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई बार पानी की बौछारें कीं, लेकिन वे असफल रहे।प्रदर्शनकारियों की कलेक्ट्रेट में मौजूद पुलिस के साथ झड़प भी हुई।

कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन उसके कुछ दिन पहले लगाए गए आरोप के बाद हुआ । उसने आरोप लगाया था कि कलेक्टर को यह कहने के लिए मजबूर किया गया था कि उनके पूर्व सहयोगी- दिवंगत एडीएम नवीन बाबू- ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद गलती स्वीकार कर ली थी। पुलिस को दिए गए कलेक्टर के बयान के अनुसार, विदाई समारोह के बाद नवीन बाबू ने विजयन से उनके कक्ष में मुलाकात की और माना कि उन्होंने गलती की है। कलेक्टर ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि वह पुलिस को दिए गए बयान पर कायम हैं।

दूसरी ओर, बाबू के परिवार ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर के सामने अपनी गलती स्वीकार नहीं की थी। बाबू की पत्नी ने कहा कि वह कलेक्टर के इतने करीब नहीं था कि वह ऐसा कुछ कह सके। उसने यह भी कहा कि विदाई समारोह के वीडियो में कलेक्टर की ‘बॉडी लैंग्वेज’ उसे पसंद नहीं आई और दावा किया कि अगर दिव्या के आरोपों के बाद उसने बाबू को सांत्वना दी होती, तो जो घटित हुआ उसे रोका जा सकता था। चौदह अक्टूबर को बाबू के विदाई समारोह में कथित रूप से बिना बुलाए शामिल हुई दिव्या ने चेंगलई में पेट्रोल पंप के लिए कई महीनों तक मंजूरी में देरी करने के लिए उनकी आलोचना की थी और कहा था कि उन्होंने तबादले के दो दिन बाद ही इसे मंजूरी दे दी थी। दिव्या ने इस बात का संकेत दिया था कि वह अचानक मंजूरी के पीछे के कारणों को जानती है। अगले दिन नवीन बाबू कन्नूर में अपने क्वार्टर में मृत पाये गये।

पुलिस ने दिव्या के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 108 के तहत एडीएम को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद दिव्या ने 19 अक्टूबर को थालास्सेरी सत्र अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। सत्र अदालत ने 29 अक्टूबर को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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