Kolkata Doctor Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में दलील पेश की गई कि पीड़िता के नाम और फोटो का खुलासा करने वाले बहुत से पोस्ट सोशल मीडिया पर हैं। इस पर शीर्ष अदालत ने अपने आदेश को दोहराया कि मामले में किसी भी मध्यस्थ को पीड़िता का नाम और फोटो प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है। अब इस पर PG ट्रेनी डॉक्टर के पिता का बयान सामने आया है।
PG ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से मेरी बेटी की तस्वीरें जो अभी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, उसपर कार्रवाई करने को कहा है… हम सुप्रीम कोर्ट और CBI पर भरोसा कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय होगा…”
पीड़िता का पहचान उजागर नहीं करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया मध्यस्थों को पीड़िता का नाम और पहचान उजागर नहीं करने का निर्देश दिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऐसी पोस्ट की जांच के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। इसके अलावा अनधिकृत प्रकाशन की किसी भी अपलोडिंग को हटा दिया जाएगा। साथ ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले की जांच सीबीआई कर रही है। एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में गिरफ्तार आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य और पुलिस के एक निलंबित अधिकारी की न्यायिक हिरासत सोमवार को चार अक्टूबर तक बढ़ा दी।
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