भादू ने 1990 में स्पोर्ट्स कोटे में सीआरपीएफ में बतौर सिपाही नियुक्ति पाई थी. 2008 में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन मिला. 2012 में अपनी स्वेच्छा सेवानिवृत्ति लेकर अपने घर लौटे और तब से भादू लगातार गांव के बच्चों व युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं.