
बारामती के बुजुर्ग अब भी उस युवा अजीत पवार को याद करते हैं, जो अपनी राजदूत मोटरसाइकिल से शहर की सड़कों को नापा करते थे। स्थानीय लोगों से संपर्क करने के लिए यह दोपहिया उनका पसंदीदा वाहन था। तीन दशक बाद महाराष्ट्र की राजनीति में वह अहम शख्सियत बनकर उभर हैं और राजनीतिक गलियारों में कई लोग उन्हें ‘सीएम इन वेटिंग’ के तौर पर भी जानते हैं