खामियां ही खामियां, जल्दबाजी ना करें ममता…बंगाल गवर्नर ने रेप रोधी बिल राष्ट्रपति को वापस भेजा

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Aparajita Anti Rape Bill: पश्चिम बंगाल में रेप के मामलों में दोषी को फांसी देने का प्रावधान वाला अपराजिता बिल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया गया है। गर्वनर सीवी आनंद बोस ने विधानसभा द्वारा पारित बिल को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेजा गया है। साथ ही इस दौरान उन्होंने बिल में खामियों गिनाते हुए इस पर अपनी राय भी रखीं।

विधेयक की तकनीकी रिपोर्ट मिलने के बाद राज्यपाल ने इसका अध्ययन किया और फिर इसे राष्ट्रपति के पास भेजा।

ममता बनर्जी की धमकी पर भड़के राज्यपाल

इस दौरान राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के धमकाने वाले रुख पर नाराजगी है। साथ ही राज्य सरकार को कानूनी और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करने में विफल रहने पर फटकार लगाई है। जान लें कि अपराजिता विधेयक को राज्यपाल द्वारा तत्काल मंजूरी नहीं देने जाने पर सीएम ममता ने राजभवन के बाहर धरना देने की धमकी दी थीं।

बिल में कमियों को लेकर सरकार को चेताया भी

साथ ही राज्यपाल ने इस दौरान जल्दबाजी में पारित इस विधेयक में चूक और कमियों की भी बात कही। उन्होंने सरकार को चेताया कि वह जल्दबाजी में काम न करें। गर्वनर  ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने तक लोग इंतजार नहीं कर सकते। उन्हें न्याय चाहिए। मौजूदा कानून के दायरे में ही न्याय दिया जाना चाहिए। सरकार को प्रभावी ढंग से कार्य करना चाहिए, लोगों को न्याय मिलना चाहिए। अपनी प्यारी बेटी को खोने वाली शोक संतप्त मां के आंसू पोंछना सरकार का कर्तव्य है।

राज्यपाल ने विधेयक में स्पष्ट दोषों और खामियों की ओर इशारा किया और सरकार को बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने के बजाए अपना होमवर्क करने की सलाह दी।

बंगाल विधानसभा में पास हुआ अपराजिता बिल

कोलकाता कांड को लेकर चौतरफा घिरीं ममता बनर्जी की सरकार यह बिल लेकर आई। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 3 सितंबर को सर्वसम्मति से ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ पास किया गया था। इस बिल में पीड़िता की मौत होने या ‘कोमा’ जैसी स्थिति में जाने पर दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है। 

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