पूर्व IG डीके पांडा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनकी चर्चा किसी रूप या उनकी भक्ति को लेकर नहीं हो रही है बल्कि इस बार उन्हें करोड़ों की ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की गई है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में की है। डीके पांडा ने प्रयागराज के धूमनगंज थाने में इस सिलसिले में FIR दर्ज करवाई है।
बता दें कि पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IG) डीके पांडा एक समय में दूसरी राधा के नाम से भी प्रसिद्ध थे। वो खुद को कृष्ण की प्रेमिका बताते थे। डीके पांडा ने धूमनगंज थाना में अज्ञात के खिलाफ करीब 381 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है। उन्होंने अपने शिकायत में बताया कि उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए ये पैसे कमाए थे। ठगों ने उनसे ये रुपए ठक लिए।
पूर्व IG डीके पांडा ठगी का हुए शिकार
डीके पांडा बताया कि लंदन की कंपनी ‘फिमनिक्स ग्रुप’ के साथ ऑनलाइन व्यापार कर करीब 381 करोड़ रुपये कमाए थे और 25 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर आरव शर्मा नाम के व्यक्ति ने साइप्रस से व्हॉट्सएप कॉल कर अपशब्द कहते हुए धमकी दी। पांडा ने बताया कि वो आरव शर्मा नाम के व्यक्ति से कभी नहीं मिले और लंदन की कंपनी ‘फिमनिक्स’ के वित्त विभाग में कार्यरत राहुल गुप्ता के माध्यम से वह आरव शर्मा के संपर्क में आए।
पुलिस से शिकायत में क्या बताया?
पुलिस से शिकायत में पांडा ने बताया कि मैंने लंदन की कंपनी में कमाए पैसे को प्रयागराज में अपने बैंक खाता में ट्रांसफर कराने की कोशिश की, मगर ऐसा नहीं हो पाया। इसके बजाय कंपनी के लोगों ने कई तरह के शुल्क का भुगतान करने की मांग की। इसी दौरान आरव शर्मा से इस मामले से जुड़ा। पांडा का आरोप है कि आरव शर्मा ने उनके करीब 381 करोड़ रुपये खुद वसूल लिए और उनसे आठ लाख रुपये देने की मांग की।
पूर्व IG ने यह भी बताया कि रुपये देने से मना करने पर आरव ने धमकी दी कि वह उनकी पैसों को आतंकियों को उपलब्ध करा देगा और उन्हें फंसा देगा। पांडा की शिकायत पर धूमनगंज थाना में अज्ञात के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(4) और 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस वजह से सुर्खियों में रहे थे डीके पांडा
बता दें कि डीके पांडा ने उस समय खुब सुर्खियां बटोरी थी जब उन्होंने राधा का रूप धारण किया था। एक बार वो वर्दी में भी चूड़ी बिंदी और मांग में सिंदूर लगाकार ऑफिस पहुंचे थे जिसकी बाद इनकी खूब चर्चा हुई थी। ओडिशा के रहने एवं 1971 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी देबेन्द्र किशोर पांडा (डीके पांडा) ने सपने में भगवान कृष्ण को देखने का दावा किया जिससे उनके जीवन में परिवर्तन आया और वह दूसरी राधा बन गए।
पांडा के मांग में सिंदूर लगाने और साड़ी पहनने से पुलिस विभाग की खूब किरकिरी हुई थी। काफी विवाद होने के बाद वो अपने रिटायरमेंट से 2 साल पहले ही साल 2005 में पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से प्रयागराज में ही रहते हैं। अब उन्होंने दूसरी राधा का रूप त्याग दिया है और कृष्ण के रूप में रहने लगे हैं।
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