ग़ाज़ा से एक माँ की चिट्ठी: दर्द, मुश्किलों और उम्मीद की अनूठी गाथा

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“यह कहानी युद्ध के पहले दिन से शुरू नहीं हुई. यह आरम्भ हुई, नौ महीने पहले उस दिन से, जब मुझे मालूम हुआ कि मैं माँ बनने वाली हूँ.”