Rajasthan SDM Slap Case : राजस्थान की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को नाटकीय घटनाक्रम और हिंसा बढ़ने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। इतने बवाल और गिरफ्तारी के बाद भी रमेश मीणा की अकड़ कम नहीं हो रही है। वो खुलेआम पुलिस और प्रशासन को धमकी दे रहा है।
नरेश मीणा के फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की गई। जिसमें राजस्थान को जलाने की धमकी दी गई है। पोस्ट में लिखा है- ‘मेरे साथियों और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस बर्बरता वाला व्यवहार करना बंद कर दें, नहीं अभी तो यह चिंगारी सिर्फ देवली उनियारा में ही उठ रही है। जिसकी जिम्मेदार टोंक की कलेक्टर और भजनलाल सरकार है। अगर पुलिस ने यह बर्बरता वाला व्यवहार बंद नहीं किया, तो यह चिंगारी पुरे राजस्थान के चप्पे-चप्पे से उठने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, जिसकी जिम्मेदार प्रशासन और सरकार होगी।’
SDM को मारा था थप्पड़
बुधवार को कांग्रेस के बागी नेता और निर्दलीय उम्मीदवार मीणा ने मालपुरा के SDM अमित चौधरी को मतदान केंद्र के बाहर सैकड़ों लोगों के सामने थप्पड़ मार दिया था। SDM को थप्पड़ मारे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायल हुआ था। थप्पड़ मारे जाने की घटना के समर्थन और विरोध में अलग-अलग प्रदर्शन हुए हैं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों ने अमित चौधरी के समर्थन में प्रदर्शन किया। मतदान केंद्र के बाहर शुरू हुआ तनाव रात में और गुरुवार को हिंसा में तब्दील हो गया।
RAS की कलम बंद हड़ताल
RAS एसोसिएशन और संबद्ध सेवाओं के अधिकारी मीणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कलम बंद हड़ताल पर चले गए थे, जिस कारण गुरुवार सुबह राज्य के सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात नहीं होगी, वे हड़ताल पर रहेंगे। इस बीच, मीणा के समर्थक भी उग्र हो गए। मतदान केंद्र के बाहर भड़की हिंसा में करीब 60 दोपहिया और 18 चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिनमें पुलिस वाहन भी थे। हिंसा उस वक्त भड़की जब पुलिस ने मीणा और उनके समर्थकों को धरने पर बैठने से रोकने की कोशिश की।
करीब 60 लोग गिरफ्तार
हिंसा के बाद गुरुवार तड़के करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। दिन चढ़ने के साथ ही तनाव बढ़ता गया। समरवता से हिरासत में लिए जाने के बाद नरेश मीणा ने कहा कि ‘मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा।’ समरवता गांव में उग्र भीड़ को घूमते देखा जा सकता था, इसलिए पुलिस ने स्थिति को खराब नहीं होने के लिए निगरानी बढ़ा दी है।
नरेश मीणा की गिरफ्तारी की योजना सावधानी से बनाई गई। काफी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, जिसमें दंगा रोधी टीम के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। उन्होंने फ्लैग मार्च किया। टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने पुलिस दल को गांव में प्रवेश करने और मीणा को हिरासत में लेने का निर्देश दिया। मीणा की गिरफ्तारी के बाद उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया
ग्रामीणों ने किया था मतदान का बहिष्कार
यह सब तब शुरू हुआ, जब एसडीएम चौधरी लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने समरवता गांव को देवली के बजाय उनियारा उप मंडल में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। मीणा ग्रामीणों का समर्थन कर रहे थे। घटना के समय मतदान केंद्र के बाहर सैकड़ों लोग मौजूद थे। बाद में मीणा मतदान केंद्र के बाहर धरने पर बैठ गए और अपने समर्थकों से लाठी-डंडे लेकर इकट्ठा होने को कहा।
गिरफ्तारी से पहले मीणा ने टोंक जिलाधिकारी सौम्या झा और पुलिस अधीक्षक सांगवान को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, गिरफ्तार किए गए सभी 60 लोग निर्दोष हैं। अगर किसी को सजा मिलनी चाहिए तो वह मुझे मिलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात एसडीएम बीजेपी के निर्देशों पर काम कर रहे थे।
राजस्थान में देवली-उनियारा समेत सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। मतगणना 23 नवंबर को होगी।
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