‘जब योगी की सरकार एक्शन ले तो विलाप ना करें’, अमेठी कांड पर पूर्व CM मांझी की विपक्ष को दो टूक

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Amethi Killing: उत्तर प्रदेश के अमेठी में दलित परिवार के 4 लोगों की हत्या के बाद मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेर लिया है। हालांकि अब विपक्ष के हमलों के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पलटवार किया है। विपक्ष से दो टूक शब्दों में जीतन राम मांझी ने कहा कि जब योगी जी की सरकार एक्शन ले तो विलाप ना करें।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अमेठी की घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘यूपी के अमेठी जिले में एक दलित परिवार के चार लोगों की एक साथ की गई निर्मम हत्या की घटना चिंताजनक है। उत्तर प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए, ताकि अपराधियों में खौफ बना रहे।’ मांझी ने पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरी और अन्य उचित राहत मुहैया कराए जाने की मांग की। साथ ही कहा, ‘विपक्ष से निवेदन है कि जब योगी जी की सरकार एक्शन ले तो विलाप ना करें।’

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विपक्ष ने सरकार पर उठाए हैं सवाल

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मांग की कि सरकार दोषियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए ताकि अपराधी बेखौफ ना रहें। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में वो पीड़ित परिवार के साथ हैं। मौर्य ने 4 हत्याओं के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि ये घटना दर्शाती है कि योगी सरकार की खराब कानून-व्यवस्था में व्यक्ति घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज मिट्टी में मिल चुका है। गुंडे-मवालियों, दबंगों और बदमाशों के आतंक का झंडा शान से लहरा रहा है और इस आतंक को खत्म करने की दिशा में सरकार का कोई कदम दिखाई नहीं दे रहा है।

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने अपने बयान में कहा, ‘अमेठी की घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं, बल्कि जंगलराज है। अमेठी जिले में पूरे परिवार की हत्या उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की असली तस्वीर है, कि सच क्या है और प्रचार क्या है। सच ये है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के जीवन की कोई गारंटी नहीं है, कल किसका नंबर होगा पता नहीं और प्रचार ये है कि कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है।’ उन्होंने कहा कि घर में घुसकर पूरे परिवार की गोलीमार कर सामूहिक हत्या करने की घटना अति दुखद और दंडनीय होने के साथ-साथ ये संकेत दे रही है कि दलितों की सुरक्षा दयनीय स्थिति में है और उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।

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