
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर बिहार के जमुई पहुंचे और भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। शुक्रवार को जमुई में पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती समारोह की शुरुआत की। इस दौरान पीएम मोदी वहां मौजूद कलाकारों के बीच गए और ढोल-मंजीरा बताया। देखने लायक इस दृश्य में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम मोदी के नजदीक खड़े होकर सिर्फ उन्हें देखते रहे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सफेद कुर्ता और चूड़ीदार के साथ जैतून के हरे रंग की एथनिक जैकेट पहन रखी थी।। पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने जमुई में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और नमन किया। जनजातीय गौरव दिवस समारोह में पीएम मोदी ने नृत्य कलाकारों के साथ बातचीत की और पारंपरिक ढोल पर हाथ भी आजमाया। इस मौके पर प्रधानमंत्री को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की मूर्ति भेंट की गई।
जमुई को PM मोदी ने दी 6640 करोड़ की सौगात
इसके बाद प्रधानमंत्री ने जमुई में कई विकास परियोजनाओं का अनावरण किया, जिसमें आदिवासी कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। पीएम मोदी ने जमुई में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह के शुभारंभ के अवसर पर 6640 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।
‘आदिवासी इतिहास के योगदान को मिटाने की कोशिशें हुईं’
जमुई में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद के दशकों में आदिवासी इतिहास के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिशें की गईं। इसके पीछे भी स्वार्थ भरी राजनीति थी। राजनीति ये थी कि भारत की आजादी के लिए सिर्फ एक ही दल को श्रेय दिया जाए। लेकिन अगर एक ही दल, एक ही परिवार ने आजादी दिलाई है, तो भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन क्यों हुआ था, संथाल क्रांति क्या थी, कोल क्रांति क्या थी?
उन्होंने कहा कि आज से पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव शुरू हो रहा है। ये कार्यक्रम अगले एक साल तक चलेंगे। आज देश के सैकड़ों जिलों के करीब 1 करोड़ लोग टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमारे इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। पीएम मोदी ने कहा कि संस्कृति हो या फिर सामाजिक न्याय, आज की NDA सरकार का मानक कुछ अलग ही है। मैं इसे बीजेपी ही नहीं बल्कि NDA का सौभाग्य मानता हूं कि हमें द्रौपदी मुर्मू जी को देश का राष्ट्रपति बनाने का अवसर मिला। वो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं।
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