जम्मू-कश्मीर की चिनाब घाटी में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान शुरू

voting 171544997563616 9 JYCJYA

Jammu and Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में करीब एक दशक बाद हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत चिनाब घाटी में बुधवार को मतदान शुरू हो गया, जिसमें 7.14 लाख पात्र मतदाता 64 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।

चिनाब घाटी के जिलों डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में आठ विधानसभा सीटों के 1,328 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। पिछले तीन महीनों में इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी देखी गई है, जिसमें छह सैन्यकर्मी और चार आतंकवादी मारे गए हैं।

चिनाब घाटी के अलावा, विधानसभा चुनाव के पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां के चार जिले भी शामिल हैं, जिनमें 16 विधानसभा क्षेत्र हैं।

इस बीच, 35,000 से अधिक कश्मीरी पंडितों को पहले चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा देने के लिए 24 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें जम्मू में 19, उधमपुर में एक और दिल्ली में चार मतदान केंद्र शामिल हैं।

विस्थापित समुदाय के सदस्य दक्षिण कश्मीर के 16 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।

निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मतदान शाम छह बजे समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि महिलाओं, दिव्यांगों और युवाओं द्वारा प्रबंधित अलग-अलग मतदान केंद्र, पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बारे में संदेश फैलाने के लिए हरित मतदान केंद्र और तीन जिलों में अन्य अनूठे मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था।

दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए 25 सितंबर को मतदान होगा, तीसरे और अंतिम चरण में 40 सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा और उसके बाद आठ अक्टूबर को मतगणना होगी।

अपनी किस्मत आजमाने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व मंत्री सज्जाद किचलू (नेशनल कॉन्फ्रेंस), खालिद नजीद सुहारवर्दी (नेकां), विकार रसूल वानी (कांग्रेस), अब्दुल मजीद वानी (डीपीएपी), सुनील शर्मा (भाजपा), शक्ति राज परिहार (डोडा पश्चिम) और गुलाम मोहम्मद सरूरी शामिल हैं, जो तीन बार के विधायक हैं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। दो साल पहले गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने के बाद वह डीपीएपी में शामिल हो गए थे।

पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार (भाजपा), पूर्व विधान परिषद सदस्य फिरदौस टाक और इम्तियाज शान (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) की नेता एवं जिला विकास परिषद, किश्तवाड़ की मौजूदा अध्यक्ष पूजा ठाकुर और भाजपा का युवा चेहरा शगुन परिहार, जिनके पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की नवंबर 2018 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, तथा आम आदमी पार्टी (आप) की मेहराज दीन मलिक चुनाव मैदान में खड़े प्रमुख चेहरों में शामिल हैं।

डोडा जिले से 10 उम्मीदवार, भद्रवाह विधानसभा क्षेत्र से 51, 52-डोडा से नौ और 53-डोडा पश्चिम से आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

किश्तवाड़ जिले में 48-इंदरवाल से नौ उम्मीदवार, 49-किश्तवाड़ से सात उम्मीदवार, जबकि 50-पद्दर-नागसेनी से छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। रामबन जिले में 54-रामबन से आठ उम्मीदवार और 55-बनिहाल से सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

ये भी पढ़ें: बदन के पसीने की बदबू ने कर दिया है परेशान? तो अपनाएं ये आसान उपाय, कुछ ही दिनों में मिलेगा छुटकारा