S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से बुधवार को बर्लिन में मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उन्हें व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं।
जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत जर्मनी में हैं। वह ‘भारत-खाड़ी सहयोग परिषद मंत्रिस्तरीय बैठक’ में भाग लेने के बाद सऊदी अरब से यहां पहुंचे हैं।
जयशंकर ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से की मुलाकात
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज बर्लिन में चांसलर ओलाफ शोल्ज से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की ओर व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं। सातवें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के लिए उनकी भारत यात्रा की प्रतीक्षा है।’’
मंत्री ने ‘‘चांसलर के सुरक्षा और विदेश नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर के साथ भी गहन चर्चा की।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारी बातचीत आईजीसी की तैयारियों और महत्वपूर्ण रणनीतिक घटनाक्रम पर केंद्रित रही।’’ उन्होंने जर्मनी की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) पार्टी के अध्यक्ष फ्रेडरिक मर्ज और सीडीयू-सीएसयू (क्रिश्चियन सोशल यूनियन) संसदीय समूह के सदस्यों से भी मुलाकात की।
सीडीयू-सीएसयू संसदीय समूह के सदस्यों से मिलकर खुशी हुई
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘सीडीयू के अध्यक्ष फ्रेडरिक मर्ज और सीडीयू-सीएसयू संसदीय समूह के सदस्यों से मिलकर बहुत खुशी हुई। द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। मैं हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दिए उनके सुझावों की सराहना करता हूं।’’
जयशंकर ने जर्मनी की संसद में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल रोथ से मंगलवार को मुलाकात की और मौजूदा वैश्विक चुनौतियों तथा नए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
किन मुद्दों पर हुई चर्चा
उन्होंने मंगलवार को बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सांसद और विदेश मामलों पर एक समिति के अध्यक्ष माइकल रोथ से मिलकर प्रसन्नता हुई। वर्तमान वैश्विक चुनौतियों तथा भारत और जर्मनी के बीच नए सहयोग की संभावनाओं पर विचार साझा किए।’’
विदेश मंत्री ने मंगलवार को बर्लिन में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन द्वारा आयोजित विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति विशेषज्ञों से बातचीत भी की। जयशंकर ने कहा, ‘‘बदलती वैश्विक व्यवस्था, सुरक्षा चुनौतियों और भारत तथा जर्मनी के बीच रणनीतिक समानता पर विचार विमर्श किया गया।’’ उन्होंने जर्मनी की संसद के सदस्यों से भी बातचीत की। जयशंकर ने कहा, ‘‘समकालीन वैश्विक मुद्दों पर उनकी अंतर्दृष्टि की सराहना करता हूं। भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए उनके समर्थन को महत्व देता हूं।’’
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