जेल से बाहर निकलते ही इंंजीनियर राशिद ने PM Modi के खिलाफ उगला जहर, कहा- नया कश्मीर का सपना…

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Engineer Rashid Attack on PM Modi: जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। दिल्ली की विशेष NIA अदालत द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद उसकी रिहाई हुई। मगर जेल से बाहर आते ही राशिद ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगला है। वहीं, अगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भी उसने बड़ी बात कही है।

तिहाड़ से रिहाई मिलने के बाद राशिद दिल्ली से जम्मू के लिए रवाना हुए। वहीं, जेल से बाहर आने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राशिद ने कहा साढ़े 5 साल जेल में रहने के बाद में खुद को मजबूत और अपने लोगों के लिए गर्व से भरा महसूस कर रहा हूं। मैं वादा करता हूं कि अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा। विधानसभा चुनाव को लेकर राशिद ने कहा, मैं बस इतना ही कहूंगा कि जीत सच की होगी।

नया कश्मीर का सपना पूरा नहीं होने देंगे-इंंजीनियर राशिद

जेल से बाहर निकलते ही इंंजीनियर राशिद ने पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगला है। राशिद ने कहा, मैं शपथ लेता हूं कि मोदी ने जो नया कश्मीर बनाने का सपना लिया है। उसे कभी पूरा नहीं होने दूंगा। उनका यह सपना मिट्टी में मिल जाएगा। नए कश्मीर की धारणा बनायी गयी है, जिसे लोगों ने नकार दिया है। मोदी ने पांच अगस्त 2019 को जो किया, उसे लोगों ने खारिज कर दिया है।

 जीत सच की होगी और इंसाफ होगा

वहीं, जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बारामूला के सांसद राशिद इंजीनियर ने कहा,मैं बस इतना ही कहूंगा कि जीत सच की होगी। मुझे उम्मीद है कि इंसाफ होगा। चुनाव बहुत अहम हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों को इंसाफ की लड़ाई में कामयाबी मिलेगी, लोग एकजुट हैं।

2019 से तिहाड़ जेल में बंद

बता दें कि  इंजीनियर राशिद को 2017 में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत NIA ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 2019 से वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, अब उन्हें 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत मिली है। टेरर फंडिंग मामले में इंजीनियर राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान आया था। जिसके बाद NIA ने आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों को कथित तौर पर मदद पहुंचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इंजीनियर राशिद के अलावा इस मामले में यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में यासीन मलिक को 2022 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

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