राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शनिवार को कहा कि उसने झांसी के एक अस्पताल में बच्चों के वार्ड में आग लगने की घटना के सिलसिले में उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। इस घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। घटना की खबरों को ‘‘परेशान करने वाला’’ बताते हुए आयोग ने एक सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने कहा कि घटना से जुड़ी खबरें ‘‘वास्तव में परेशान करने वाली है और लापरवाही को दर्शाती है,’’ जिसके परिणामस्वरूप पीड़ितों के मानवाधिकारों का ‘‘गंभीर हनन’’ हुआ है क्योंकि वे एक सरकारी संस्थान की देखरेख में थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने मीडिया में आई इस खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है कि शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में आग लगने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई।
शॉर्ट सर्किट से आग की आशंका
बयान में कहा गया है कि इस घटना में 16 बच्चे घायल हो गए, जबकि 37 को सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया। कथित तौर पर, पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी और जिन शिशुओं की जान गई, वे ‘इनक्यूबेटर’ में थे। मानवाधिकार आयोग ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
उपचार और मुआवजे की भी मांगी जानकारी
रिपोर्ट में, मामले में दर्ज प्राथमिकी की वस्तु स्थिति, घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को मुहैया कराए जा रहे उपचार और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई दिया गया हो) के बारे में जानकारी शामिल होनी चाहिए। आयोग ने कहा कि वह यह भी जानना चाहेगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए अधिकारियों ने क्या कदम उठाए हैं या प्रस्तावित किए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को हुई घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है।
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