पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा करीब 24 घंटे तक बंद रहने के बाद अंतरराज्यीय व्यापार के वास्ते ट्रकों की आवाजाही के लिए फिर से खोल दी गयी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा झारखंड के साथ अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थित उसके बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बृहस्पतिवार शाम को सीमा बंद कर दी थी। पानी छोड़े जाने की वजह से दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ आ गयी।
झारखंड सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अंतर-राज्यीय सीमा खोल दी गयी है और एनएच-2 और एनएच-6 पर फंसे सामान से लदे हजारों ट्रक पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गए हैं।’’ पश्चिम बंगाल में ‘ट्रक ऑपरेटर्स’ ने कहा कि सीमा खुल गयी है लेकिन सीमा पर 20-25 किलोमीटर लंबी कतार में खड़े ट्रकों को आगे बढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा।
सीमा बंद करने के कारण हजारों ट्रक फंस गए थे जिनमें उत्तरी राज्यों से ऐसे ट्रक भी शामिल थे जिनमें जल्दी खराब होने वाली खाद्य सामग्री थी और इसके कारण आपात सेवाएं भी प्रभावित हुई थीं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ममता बनर्जी गृह मंत्रालय, एनएचएआई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा झारखंड के लोगों के दृढ़ संकल्प के आगे झुक गयी जिन्होंने झारखंड से पश्चिम बंगाल जा रहे वाहनों को रोकने के लिए उनके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।’’
ममता ने क्यों सील किया था बॉर्डर?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि उनके राज्य में बाढ़ की स्थिति ‘‘झारखंड को बचाने’’ के लिए डीवीसी द्वारा उसके बांधों से अनियंत्रित पानी छोड़े जाने के कारण पैदा हुई। इसके बाद झारखंड से पश्चिम बंगाल आ रहे भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी।
पश्चिम बंगाल में ‘‘मानव निर्मित’’ बाढ़ के लिए डीवीसी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार डीवीसी के साथ सभी संबंध तोड़ लेगी। डीवीसी के एक अधिकारी ने कहा था कि नयी दिल्ली स्थित केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के निर्देश पर पानी छोड़ा गया था, लेकिन अब इसे रोक दिया गया है।झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अंतर-राज्यीय सीमा कथित तौर पर सील करने के लिए ममता पर तीखा प्रहार किया।
JMM की बंगाल सरकार से अपील
झामुमो महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सीमाएं सील करने का ममता बनर्जी का फैसला उन पर काफी भारी पड़ेगा। अगर झारखंड अपनी सीमाएं बंद कर दें तो पश्चिम बंगाल भारत के पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों से कट जाएगा। मैं दीदी से संवेदनशील रुख अपनाने का अनुरोध करता हूं। सामान लेकर जा रहे वाहन आपके राज्य में बाढ़ लाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।’’
डीवीसी ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया था कि पानी छोड़ने का निर्णय पश्चिम बंगाल जल संसाधन विभाग, झारखंड जल संसाधन विभाग और डीवीसी की तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था।
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