टीचर के लिए नोट, टीचर पर ही टॉर्चर के आरोप और ड्रग्स एंगल; दिल्ली में छात्र की मौत का कौन जिम्मेदार?

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Delhi Student Suicide Case: दिल्ली के कंझावला इलाके में 11वीं के छात्र धैर्य प्रताप सिंह के सुसाइड केस में अब अलग-अलग एंगल जुड़ गए हैं। धैर्य का परिवार अपने बेटे की मौत के लिए टीचर को दोषी ठहरा रहा है। धैर्य ने टीचर के नाम से सुसाइड से पहले एक नोट लिखा था। पिछले हफ्ते धैर्य ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

इस मामले में ड्रग्स का जिक्र हो रहा है। परिवार दावा कर रहा है कि स्कूल की टीचर धैर्य को टॉर्चर करती थी और कहती थी वो ड्रग्स लेता है। परिवार का कहना है कि मेरा बच्चा नशेड़ी है, ऐसा बोल बोलकर टीचर ने उसे टॉर्चर किया था। मृतक धैर्य का मां का कहना है कि मैडम बोलती थी बच्चा पढ़ने में ऐसा ही है। खानदान को काफी बोलती थी। मैंने कई बार अपने बच्चे को समझाया कि टीचर है, आपको पढ़ाई के लिए बोलती है। मैडम खानदान के बारे में बोलती थी।

टीचर ने बोला था बेटा ड्रग्स लेता है- पीड़ित परिवार

धैर्य का मां ने बताया, ‘शनिवार को मैडम का फोन आया। मैडम ने कहा कि धैर्य के बारे में मुझे आपसे बात करनी है। उसकी परफॉर्मेंस के बारे में बात करनी है। मैडम ने कहा स्कूल में मिलकर बात करनी है। फिर धैर्य के पिता स्कूल में टीचर के पास गए। मुझे अपना बेटे खोने के बाद पता चला कि टीचर कह रही थी कि आपका बेटा ड्रग्स लेता है। मैडम से पूछना चाहती हूं कि उसने ऐसा क्या बोला कि उसने सुसाइड कर लिया।’

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धैर्य के पिता का कहना है कि जब वो स्कूल गए तो टीचर ने कहा कि आपके बच्चे को मैंने निबंध लिखने को दिया था, लेकिन वो नहीं लिख पाया और उसकी मुझे एनर्जी डाउन लगी, लेकिन कुछ देर बाद उसकी एनर्जी अचानक से हाई हो जाती है। बच्चा आपका ड्रग्स लेता है, नशा करता है।

पुलिस प्रशासन हमारा साथ नहीं दे रहा- पीड़ित परिवार

पीड़ित पिता ने कहा कि मंगलवार को धैर्य मंदिर में प्रसाद चढ़कर घर लौट सभी को उसने प्रसाद दिया। बुधवार की सुबह धैर्य को स्कूल जाना था, इसीलिए सभी लोग सो गए थे। धैर्य के कमरे की लाइट जली तो धैर्य की मां ने देखा धैर्य पढ़ाई कर रहा है। उसके बाद वापस अपने कमरे में आकर सो गए। सुबह जब 5 बजे धैर्य की मां की नींद खुली तो देखा पूरे घर में धैर्य नहीं मिला। जब ग्राउंड फ्लोर के हाल में आकर देखा खिड़की से पंखे पर दुपट्टा लटका हुआ था और धैर्य जमीन पर गिरा हुआ था। हम फिर बच्चे को महाराज हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन तब तक मौत हो गई थी।

पिता का आरोप है कि पुलिस प्रशासन हमारा साथ नहीं दे रहा है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है और ना ही कोई अभी तक आश्वासन दिया गया है। हमने जब स्कूल के बाहर जाकर प्रदशन किया तो पुलिस स्कूल को प्रोटेक्ट करने गई। लेकिन अभी तक हमारे से मिलने कोई पुलिस नहीं आई और ना ही कोई सख्त कार्रवाई की है।

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