UP News: कानपुर पुलिस ने दो दिन पूर्व कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की संदिग्ध कोशिश के सिलसिले में पूछताछ के लिए दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।
सतर्क लोको पायलट की मदद से सोमवार को एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया, क्योंकि यहां भिवानी-प्रयागराज कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराने के बाद रोक दिया गया। घटनास्थल पर पेट्रोल की एक बोतल और माचिस की डिब्बियां भी मिलीं, जो गड़बड़ की ओर इशारा कर रही थीं। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।
हिस्ट्रीशीटर अपराधियों समेत आधा दर्जन लोग हिरासत में
पुलिस के एक अधिकारी ने यहां कहा, “सोमवार की रात दो स्थानीय हिस्ट्रीशीटर अपराधियों समेत लगभग आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। मंगलवार को पुलिस ने एक परिवार के तीन सदस्यों समेत दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। जिन लोगों से पूछताछ की जा रही है उनमें मुख्य रूप से आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग शामिल हैं।”
अधिकारी ने कहा, “पुलिस ने एक युवक को भी हिरासत में लिया है, जो हाल ही में पश्चिम बंगाल से कानपुर आया था।” घटनास्थल का दौरा करने वाले अतिरिक्त महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी. ने दावा किया कि पुलिस को मामले में एक सफलता मिली है। मामले की गुत्थी जल्द ही सुलझने की संभावना है।
मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी एजेंसियां
एडीजी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), गुप्तचर ब्यूरो (आईबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), राज्य खुफिया और कानपुर पुलिस द्वारा गठित टीम की विशेष जांच समेत कई राज्य और केंद्रीय एजेंसियां मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी हैं। उन्होंने कहा, “हमने कुछ महत्वपूर्ण सबूत और सुराग जुटाए हैं जिनसे एजेंसियों को रहस्य सुलझाने में मदद मिलने की संभावना है।” पुलिस उपायुक्त (कानपुर पश्चिम) राजेश कुमार सिंह ने कहा कि घटनास्थल से बरामद माचिस और एलपीजी सिलेंडर से अब तक जांच में मदद नहीं मिली है।
डीसीपी ने कहा कि इंडियन ऑयल के अधिकारियों और दो गैस एजेंसियों के मालिकों ने सिलेंडर पर अंकित विशिष्ट नंबरों की मदद से एलपीजी सिलेंडर उपयोगकर्ता की पहचान करने में असमर्थता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “इसी तरह, जिस दुकान से माचिस खरीदी गई, उसके मालिक ने खरीदारों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन करने वाली पुलिस उन 250 एलपीजी ग्राहकों का सत्यापन कर रही है, जिन्होंने हाल ही में स्थानीय एजेंसी से रिफिल सिलेंडर लिया था।
क्या-क्या हुआ बरामद?
इससे पहले, कानपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून- व्यवस्था) हरीश चंदर ने कहा कि ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए पटरियों पर रखे गए 4-5 ग्राम विस्फोटक पाउडर के अलावा पेट्रोल से भरी एक बोतल और एक बत्ती, माचिस और एक एलपीजी सिलेंडर बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि लोको पायलट ने एलपीजी सिलेंडर पटरी पर रखा हुआ देखा आपातकालीन ब्रेक लगा दिए। हालांकि, रुकने से पहले, ट्रेन सिलेंडर से टकराकर पटरी से उतर गई। चंदर ने कहा कि लोको पायलट ने गार्ड और गेटमैन को इसके बारे में सूचित किया। घटना के संबंध में “अज्ञात” आरोपियों के खिलाफ शिवराजपुर में भारतीय न्याय सहिंता, विस्फोटक अधिनियम 1884 और रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस मामले और हाल ही में यहां पनकी इलाके में लगभग 20 दिन पहले हुई साबरमती एक्सप्रेस दुर्घटना के तार जुड़े हुए हैं।
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