डिंपल यादव के बयान से INDI गठबंधन को लगेगा 440 वोल्ट का झटका, कहा- हम अडानी मुद्दे के साथ नहीं…

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Winter Session of Parliament: संसद के दोनों सदनों में अडानी और सोरोस के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है। सत्ता पक्ष चाहता है कि कांग्रेस और सोरोस के मुद्दे पर बहस हो तो वहीं विपक्ष की विशेषकर कांग्रेस की मांग है कि अडानी मुद्दे पर संसद में चर्चा हो। दोनों ओर से हंगामें के कारण ना तो सदन चल पा रहा है और ना ही चर्चा हो पा रही है।

सदन में जारी हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी की मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव एक बड़ा बयान सामने आया है जो इंडी गठबंधन के लिए किसी झटके से कम नहीं है। बुधवार को जब संसद के बाहर पत्रकारों ने डिंपल से सवाल किया कि अडानी के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है जिसके कारण कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। इस सवाल के जबाव में डिंपल यादव ने कहा, “ना हम सेरोस के मुद्दे के साथ हैं ना ही हम अडानी के मुद्दे के साथ हैं, मैं समझती हूं कि सदन को चलना चाहिए।हमें पूरी उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र को चलाने के लिए दोनों पक्ष के लोग सख्ती दिखाएंगे।”

समाजवादी पार्टी और TMC ने बनाई प्रदर्शन से दूरी

इससे पहले 9 दिंसबर को कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान भी इंडी गठबंधन के दलों में दूरियां देखने को मिली थीं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अडानी मामले को लेकर संसद परिसर में विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। वो अपने हाथ में मोबाइल लेकर प्रदर्शन के समय वीडियो मनाते रहे और वहां मौजूद नेताओं से बातचीत करते रहे। हालांकि टीएमसी और समाजवादी पार्टी के सांसद इस विरोध प्रदर्शन से दूर रहे।

संसद में कांग्रेस के विरोध प्रदेश से समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की दूरी ऐसे समय में दिखी , जब INDI गठबंधन के भीतर नेतृत्व पर घमासान है। पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गठबंधन का नेतृत्व के लिए दावेदारी ठोकी थी। कांग्रेस के अलावा सपा-टीएमसी समेत 26 से अधिक दल INDI गठबंधन में शामिल हैं। INDI गठबंधन में कांग्रेस पार्टी सबसे बड़े भाई की भूमिका में हैं। हालांकि महाराष्ट्र समेत पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद उसके नेतृत्व पर उंगली उठी हैं और इसी बीच ममता बनर्जी ने अपना दावा ठोका है।

हंगामेदार रहा संसद के शीतकालीन सत्र का 12वां दिन

संसद के शीतकालीन सत्र का 12वां दिन भी हंगामेदार रहा। संसद परिसर में विपक्षी सांसद तिरंगा और फूल लेकर पहुंचे और NDA सांसदों को दिए। वहीं, राज्यसभा में सभापति के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा कि 72 साल बाद किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना। ऐसा सभापति मिलना मुश्किल है। विपक्ष ने सदन की गरिमा गिराई है। जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के बीच रिश्ता क्या है, उन्हें ये बताया चाहिए। कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।

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