Kerala News: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने त्रिशूर पूरम महोत्सव में व्यवधान की खबर सुनने के बाद वहां पहुंचने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल करने पर उठे विवाद के बीच बृहस्पतिवार को घटनाक्रम का ब्यौरा दिया और पूरे प्रकरण की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की। वहीं, केरल के लोक निर्माण मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने सीबीआई जांच की गोपी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के बयान “केवल फिल्मों के लिए उपयुक्त हैं”।
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री गोपी ने एंबुलेंस से महोत्सव स्थल पर पहुंचने के आरोपों का खंडन नहीं किया, लेकिन दावा किया कि वह अपनी कार से महोत्सव स्थल के करीब पहुंचे थे, जिस पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कुछ ‘गुंडों’ ने हमला कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि उन्हें वहां से कुछ युवाओं ने बचाकर उस एंबुलेंस में बिठा दिया, जो संकट में फंसे लोगों की सेवा के लिए महोत्सव स्थल पर मौजूद थी।
उन्होंने कहा, “मुझे इस बारे में और कुछ बताने की जरूरत नहीं है। सीबीआई को आकर जांच करने दीजिए। क्या उनमें सीबीआई से जांच कराने की हिम्मत है। अगर ऐसा हुआ तो उनकी पूरी राजनीति जलकर भस्म हो जाएगी। आप चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए, तो सीबीआई से जांच कराएं।” उन्होंने दावा किया कि ये सभी मुद्दे करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले जैसी वित्तीय धोखाधड़ी को छिपाने के लिए पैदा किए जा रहे हैं। गोपी ने इससे पहले भाजपा नेताओँ समेत कुछ अन्य लोगों के दावों का खंडन किया था कि वह समारोह स्थल पर एंबुलेंस से पहुंचे थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के यह कहने के बाद कि पूरम और अन्य अनुष्ठान बाधित नहीं हुए थे, त्रिशूर पूरम व्यवधान विवाद ने राज्य में राजनीतिक बहस शुरू कर दी है। कांग्रेस और भाकपा ने आरोप लगाया है कि हिंदू भावनाओं को भड़काकर त्रिशूर लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत में मदद करने के लिए पूरम को कथित तौर पर बाधित किया गया था। वहीं, केरल के लोक निर्माण मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने सीबीआई जांच की गोपी की चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के बयान “केवल फिल्मों के लिए उपयुक्त हैं”। उन्होंने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, “हम जानते हैं कि सीबीआई और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल किस तरह से खास एजेंडे के लिए किया जाता है। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा था।”