निवेशकों को अपना दिमाग संतुलित और दुरुस्त रखने के लिए उन्हें नियंत्रित और सीमित नुकसान को स्वीकार कर चलना होगा। इसके लिए हमें यह समझना होगा कि ज्यादातर मामलों में अनियंत्रित नुकसान क्यों होता है। इसकी वजह बेहद आसान है: किसी स्टॉक को लेकर जरूरत से ज्यादा लगाव और इन्हें हटाने को लेकर आक्रामक रुख अख्तियार करने में अक्षमता। आम तौर इंसान की यह फितरत नहीं है कि कोई उसी गलती बताए, तो वह इसे आसानी से स्वीकार कर ले। हमारा अहंकार हमेशा अपनी अच्छी बुद्धि पर हावी हो जाता है