दिल्ली की सियासत का नया चेहरा क्या होगा… केजरीवाल की नई भूमिका रहेगी सबसे अहम

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Who Will be Next Delhi CM: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज (15 सितंबर) अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर राजनीति में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि, ‘मैं तब तक मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुनाती।’ यह ऐलान विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के भीतर भी नए नेतृत्व को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर गया है। अगले कुछ महीनों में दिल्ली विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं और इस ऐलान के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन होगा दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री?

केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि उनके डिप्टी रहे मनीष सिसोदिया को मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं चुना जाएगा। इससे पार्टी के भीतर नए चेहरे के नाम पर कयास लगाए जा रहे हैं, जिसमें मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम सबसे आगे है। हालांकि, इस पर आखिरी फैसला 2 दिन बाद होने वाली विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा।

दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए योजना

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए योजना बनाते हुए यह भी इशारा किया है कि अगर अगली बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है, तो मुख्यमंत्री वही रहेंगे।

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सिसोदिया और संजय सिंह रेस से बाहर

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने साफ किया है कि मनीष सिसोदिया इस दौड़ में शामिल नहीं होंगे। हाल ही में कथित शराब नीति घोटाले के चलते जेल से जमानत पर रिहा हुए सिसोदिया को फिलहाल जनता की अदालत से अपना फैसला सुनने का इंतजार है। इसी तरह, राज्यसभा सांसद संजय सिंह जिन्हें कथित शराब घोटाले में ED ने गिरफ्तार किया था वो भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं। हालांकि, संजय सिंह को राज्यसभा सदस्य होने के नाते पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल होना होगा, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में नहीं देखा जा रहा है।

केजरीवाल की भूमिका होगी तय

मुख्यमंत्री बनने के लिए यह जरूरी नहीं है कि नेता उस वक्त चुनाव जीता हुआ हो। ऐसा नेता भी मुख्यमंत्री बन सकता है, जो न कभी चुनाव लड़ा हो और न कभी जीता हो। नियम के अनुसार, सीएम पद की शपथ लेने के 6 महीने के अंदर सदन की सदस्यता लेनी जरूरी है। ऐसे में उसे किसी सीट से चुनाव लड़ना पड़ेगा और जीतना भी पड़ेगा, क्योंकि बिना सदस्यता के वह 6 महीने के ज्यादा सीएम पद भी नहीं रह सकता है। हालांकि इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल पार्टी में क्या भूमिका निभाएंगे इसके बारे में विधायक दल की बैठक में फैसला होगा।

सुनीता, आतिशी और सौरभ भारद्वाज रेस में सबसे आगे

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर आ रहा है। हालांकि सुनीता केजरीवाल का राजनीतिक अनुभव कम है, लेकिन अगर उन्हें चुना जाता है, तो वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। इसके अलावा, शिक्षा मंत्री आतिशी भी एक प्रमुख दावेदार हैं। बता दें उनके पास इस वक्त शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, जल, राजस्व, योजना और वित्त जैसे जरूरी विभागों की जिम्मेदारी है, जिससे वह पार्टी की दूसरी सबसे ताकतवर नेता मानी जाती हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा दो दिन में इस्तीफा दिए जाने की घोषणा करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है कहा कि दिल्ली की जनता उन्हें ईमानदार घोषित करेगी।

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2 दिन बाद होगा मुख्यमंत्री का नाम तय

सौरभ भारद्वाज जो कि स्वास्थ्य, कला, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं, वह भी एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के नाम भी संभावित सूची में हैं। अब सबकी नजरें दो दिन बाद होने वाली विधायक दल की बैठक पर हैं, जहां दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय होगा।

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