Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि गिरफ्तारी ज्ञापन में किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी का आधार बताने वाला कॉलम शामिल किया जाए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह जानकारी गिरफ्तार व्यक्ति के लिए कानूनी सलाह लेने के वास्ते मौलिक आधार के रूप में काम करती है। उसने कहा कि गिरफ्तार किए जा रहे व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार बताना बेहद महत्वपूर्ण है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा, “यह अब कोई नयी बात नहीं रह गयी है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में जल्द से जल्द से लिखित रूप में सूचित किया जाना चाहिए। गिरफ्तार किए जाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “यह जानकारी गिरफ्तार व्यक्ति के लिए कानूनी सलाह लेने, हिरासत को चुनौती देने और जमानत के लिए अर्जी देने का मूल आधार बनती है।”
उच्च न्यायालय ने कहा कि गिरफ्तारी ज्ञापन फॉर्म को अद्यतन करने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि मौजूदा फॉर्म से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इसमें आरोपी की गिरफ्तारी से संबंधित आधार को दर्ज करने के लिए कोई कॉलम नहीं है।
कानून के प्रावधानों में कहा गया है कि गिरफ्तार किए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को अपराध और गिरफ्तारी के कारणों के बारे में तुरंत सूचित किया जाना चाहिए।
अदालत का यह आदेश एक वैवाहिक विवाद में चार नवंबर को दिल्ली पुलिस द्वारा एक व्यक्ति की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।