दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अपनी 21 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना के क्रियान्वयन के लिए एक चौबीस घंटे सक्रिय रहने वाले ‘ग्रीन वॉर रूम’ की स्थापना की है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
राय ने एक एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आठ पर्यावरण विशेषज्ञों की एक टीम वॉर रूम का प्रबंधन करेगी, जिसमें सात को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। राय ने कहा कि इस साल वॉर रूम को सौंपे गए नए कार्यों में ड्रोन मैपिंग का विश्लेषण करना और वास्तविक समय में स्रोत विभाजन अध्ययन करना शामिल है।
मंत्री ने कहा, ‘वॉर रूम 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट से जानकारी के साथ-साथ पराली जलाने के उपग्रह डेटा का भी विश्लेषण करेगा।’ राय ने कहा कि इसके अतिरिक्त, यह वायु गुणवत्ता सूचकांक डेटा की निगरानी करेगा और दिल्ली सरकार द्वारा प्रबंधित 24 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों से जानकारी का आकलन करेगा ।
प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश की योजना
प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश के उपयोग के बारे में राय ने कहा कि वह फिर से केंद्र सरकार से मंजूरी मांगेंगे, क्योंकि उनके पिछले अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। इससे पहले एक सितंबर को राय ने केंद्र से सर्दियों के दौरान कृत्रिम बारिश की अनुमति देने का अनुरोध किया था, जब शहर की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है।
राय ने दिल्ली के निवासियों से ग्रीन दिल्ली ऐप का इस्तेमाल करके प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया और उन्हें प्रदूषण में योगदान देने वाली किसी भी गतिविधि की तस्वीरें अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे ऐप के माध्यम से उन घटनाओं की रिपोर्ट करें जो प्रदूषण का कारण बन सकती हैं।’’
इससे पहले 25 सितंबर को राय ने शहर की शीतकालीन कार्य योजना का अनावरण किया जिसमें ड्रोन निगरानी, एक गहन धूल विरोधी अभियान, टास्क फोर्स का गठन, सड़क-सफाई मशीनें और ‘मिल कर चले, प्रदूषण से लड़े’ थीम के तहत वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की तैनाती सहित 21 फोकस बिंदु शामिल है ।
यह भी पढ़ें: Delhi: स्वाति मालीवाल को हुआ डेंगू तो MCD की खोल दी पोल